दिल्ली में गूंजी झारखंड के सिखों की आवाज, ऑनलाईन मिलेगा अल्पसंख्यक का प्रमाण पत्र
New Delhi (नयी दिल्ली) : कल बीर खालसा दल के प्रदेश सलाहकार और झारखंड ऑब्जर्वर के संपादक प्रीतम सिंह भाटिया अचानक दिल्ली पहुंचे हैं. उन्होने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान व जागो पार्टी के संस्थापक मंजीत सिंह जीके से झारखंड के सिखों की विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा अनदेखी पर सवाल उठाए. इस सवाल के जवाब में मंजीत सिंह जीके ने कहा कि देश में जब भी आपदा या समाजसेवा की बात आई है तब सिखों को सबसे आगे देखा गया है लेकिन जैसे ही राजनीतिक भागीदारी का सवाल आता है तो अनदेखी कर दी जाती है.
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श्री जीके ने कहा कि देश में फिलहाल कुछ ऐसा ही माहौल बन गया है कि सिखों को सभी राज्यों में नजर अंदाज किया जा रहा है जो कि दुखद है. उन्होने कहा कि अब झारखंड हो या दिल्ली सिखों को अपना राजनैतिक बल दिखाने की जरूरत है. झारखंड के सिखों को सुझाव दिया कि जिस विधानसभा में सम्मानजनक वोटों की आबादी है वहीं से सिख निर्दलीय प्रत्याशी दें, ये फैसला खुद झारखंड के सिखों को लेने की जरूरत है. उन्होने झारखंड में जमशेदपुर, रांची, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ की पंजाबी भाषी आबादी का हवाला देते हुए कहा कि हम किसी विधानसभा में लाख से लेकर पचास हजार तक की क्षमता रखते हैं फिर हमें दूसरे दलों पर क्यों निर्भर रहना है.
श्री जीके ने कहा है कि दिल्ली में भी झारखंड जैसे हालात ही हैं और यहां भी केजरीवाल द्वारा सिखों को विधानसभा, राज्यसभा व लोकसभा चुनावों में नजर अंदाज ही किया जाता है.
सिखों को DSGMC की साईट पर मिलेगा प्रमाण-पत्र
प्रीतम भाटिया ने कहा कि झारखंड में 24 साल हो गए और आज तक हमें जाति प्रमाण पत्र नहीं मिला है.उन्होने कहा कि सिखों में भी दलित, ओबीसी और पिछड़े वर्ग को जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाता तो नौकरी में आरक्षण कोटे का लाभ मिलता. इस पर चिंता जताते हुए श्री जीके ने कहा कि फिलहाल झारखंड के सिखों को ऑनलाइन अल्पसंख्यक होने का प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है जिसके लिए आप दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साईट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं लेकिन इसमें केशधारी के साथ टाईटल में सिंह और कौर होना जरूरी है.
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