Chaibasa :- झारखंड के 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य और ईडब्ल्यूएस आरक्षण 10%, किस आधार नीति पर बनाई गई है राज्य सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्य अधिवक्ता राजाराम गुप्ता ने कही.
राजा राम गुप्ता ने कहा कि राज्य में जिला स्तरीय पदों पर नियोजन के लिए सरकार ने सभी जिलों में आरक्षण रोस्टर लागू कर दिया है, जिसमें स्पष्ट है कि ओबीसी वर्ग के साथ सरकार ने घोर भेदभाव किया है. अधिसूचित क्षेत्र के 7 जिलों में भी ओबीसी का आरक्षण शून्य कर दिया गया है. जबकि वही ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 10% दिया जाएगा. राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा सरकार से इस तुगलकी आरक्षण सिस्टम के खिलाफ मांग करता है कि अविलंब रोस्टर में सुधार किया जाए और ओबीसी आरक्षण भी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुसार दिया जाए.
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उन्होंने कहा कि सभी दलों के ओबीसी विधायक ओबीसी समुदाय के अधिकार दिलाने में विफल साबित हुए हैं. ओबीसी समुदाय को केवल प्रयोग किया जाता है. सवाल है कि 7 जिलों जहां ओबीसी आरक्षण शून्य कर दिए गए हैं. उनमें पश्चिमी सिंहभूम, लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूटी और दुमका जिले के नाम शामिल है. इन जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य क्यों किया गया. आखिर ओबीसी विधायकों के रहते सदन में आवाज बुलंद क्यों नहीं हुई. यह कैसी विडंबना है कि एनडीए सरकार के कार्यकाल में भी ओ बी सी समुदाय को उनका हक अधिकार नहीं मिला, ऐसे में उम्मीद थी कि वर्तमान यूपीए की सरकार में ओबीसी समुदाय के साथ इंसाफ होगा और उन्हें उनका हक और अधिकार मिलेगा.