आदित्यपुर: सरायकेला-खरसावां जिले सहित संपूर्ण झारखंड में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ ने आम जनता को भयभीत कर दिया है। लगातार हो रहे इन हादसों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन जहां एक ओर स्ट्रीट लाइट और जन-जागरूकता अभियान जैसे कदम उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारी वाहनों की परिचालन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों का मानना है कि सड़क हादसों का एक मुख्य कारण भारी वाहनों में सहायक चालक या खलासी का न होना है। अक्सर लंबी दूरी तय करने वाले ट्रकों और ट्रेलर में केवल एक ही चालक होता है। थकान और सड़क के दूसरी ओर की गतिविधियों का सटीक आकलन न हो पाने के कारण छोटे वाहन अक्सर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसके विपरीत, बसों में चालक के साथ सहायक होने की वजह से वहां दुर्घटना की दर काफी कम देखी गई है।

जन कल्याण मोर्चा की मांग:
हाल ही में आदित्यपुर-कांड्रा मुख्य मार्ग पर हुई दर्दनाक दुर्घटना पर शोक व्यक्त करते हुए जन कल्याण मोर्चा के अध्यक्ष सह अधिवक्ता ओमप्रकाश ने प्रशासन से कड़े कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली, मुंबई या हैदराबाद जैसे दूरस्थ शहरों से आने वाले भारी वाहनों में दो चालकों या एक सहायक चालक की उपस्थिति अनिवार्य की जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क दुर्घटना के पीड़ित परिवारों को सरकारी नियमानुसार अविलंब उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
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