Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल चाईबासा पर बेहद गंभीर आरोप लगा है। मजदूर कामगार यूनियन के नेता माधव चंद्र कुंकल ने दावा किया है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते 7 वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को एचआईवी पॉजिटिव रक्त चढ़ा दिया गया।
थैलेसीमिया से जूझ रहा है बच्चा
बताया जा रहा है कि बच्चा लंबे समय से थैलेसीमिया बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी में मरीज को जीवनभर लगातार रक्त की आवश्यकता होती है। इलाज के दौरान अस्पताल द्वारा बच्चे को रक्त चढ़ाया गया और आरोप है कि उसी समय संक्रमित रक्त बच्चे के शरीर में पहुंचा।
मजदूर यूनियन नेता का बयान
मजदूर कामगार यूनियन के नेता माधव चंद्र कुंकल ने इस घटना को बेहद गंभीर बताया। उन्होंने कहा –
“यह सिर्फ एक बच्चा नहीं, बल्कि उन सभी मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ है जो नियमित रूप से रक्त चढ़ाते हैं। अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही और कमजोर जांच प्रणाली के कारण यह हादसा हुआ है।”
सिविल सर्जन का बयान
इस मामले में सिविल सर्जन जुझारू मांझी ने कहा है कि घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पता लगाना जरूरी है कि रक्त देने की प्रक्रिया में गलती किस स्तर पर हुई।
सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि अब तक जिन बच्चों को रक्त चढ़ाया गया है, उनकी व्यापक जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और कोई बच्चा संक्रमित न हुआ हो।
भय और आक्रोश का माहौल
इस घटना से बच्चे के परिजनों और अन्य मरीजों के बीच भय और आक्रोश है। लोगों का कहना है कि यदि सरकारी अस्पताल में ही रक्त की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे तो गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का इलाज कहां संभव होगा।
आंदोलन की तैयारी
सूत्रों के अनुसार मजदूर संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता इस मुद्दे पर वृहद आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उनकी मांग है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
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