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ईसाई समुदाय ने मणिपुर हिंसा पर सरकारी निष्क्रियता के प्रति रोष प्रकट किया है. जनसभा में विशप फूलचंद महतो ने कहा कि जिस देश को शांति और न्यायप्रिय के लिए जाना जाता है. उस देश में जाति और धर्म के नाम पर हिंसा फैलाई जा रही है यह कैसी बिडंबना है. पूर्व मुखिया रोबर्ट सावैयां ने कहा कि एक तरफ आदिवासियों को जाति और धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. दूसरी ओर धर्म के नाम पर नग्न करके नारियों को प्रताड़ित करने वाले को सजा देना जरूरी नहीं समझा जा रहा है. काथलिक महिला मंडल की अध्यक्ष सिबिरिया डुंगडुंग ने कहा कि नारी मानव सृष्टि का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे नग्न कर अपमानित किया जा रहा है फिर भी सरकार मौन है.
उन्होंने मानवता को शर्मिन्दा नहीं करने की अपील की. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष देश में लोक सुरक्षा हेतु सरकारी निष्क्रियता अचंभित करने वाली है. सरकार से मांग किया जाता है कि मणिपुर में शांतिपूर्ण माहौल का निर्माण हेतु सरकार उचित पहल करे और सभी समुदायों को स्वतंत्र तरीके से जीवन जीने का अधिकार प्राप्त हो. वक्ताओं ने कहा कि सरकार कैसे गैर जिम्मेदार तरीके से पेश आ सकती है. जनसभा के बाद रैली में विशप फूलचांद महतो, फादर रंजीत किंडो, रेव्ह निकोलस नाग, रेव्ह जॉर्ज केरकेट्टा, रेव्ह पीएस चांपिया, फादर निकोलस केरकेट्टा, पादरी केसी बिरुली, कंचन पुरती, अनुग्रह कुमार, रेव्ह एसएच पुरती, सामुएल होनहागा, आशीष बिरूआ, रोबर्ट सावैयां, संजीव बलमुचू, सियोन डुंगडुंग,एसएस बोदरा, एजरा हेस्सा, अनुज पुरती, ज्योतिष लकड़ा, सिलास लुगुन, अरविंद साह, अमातुस तोपनो, सुशील भेंगरा, मतियस कंडुलना, संजय शर्मा, कंचन टोप्पो, जयदीप मेलगांडी, जेनिफर दादेल, सिमोन गुड़िया समेत काफी संख्या में ईसाई समुदाय के महिला-पुरूष व युवा शामिल थे.