Chaibasa (चाईबासा) : कोल्हान विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में बुधवार को राज्यपाल एवं कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने छात्रों को जीवन में सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। निरंतर परिश्रम, दृढ़ इच्छाशक्ति, सकारात्मक सोच और उत्कृष्ट चरित्र ही व्यक्ति को मंज़िल तक पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि आज का युग अत्यधिक प्रतिस्पर्धा का है, इसलिए युवाओं को स्वयं को तैयार करना होगा और हर अवसर को पहचान कर आगे बढ़ना होगा।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं को केवल नौकरी की प्रतीक्षा करने के बजाय स्वयं अवसर सृजन करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए। आज देश में स्टार्टअप, नवाचार और तकनीकी विकास की अपार संभावनाएँ हैं, जिन्हें युवाओं को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत तेजी से बदल रहा है और इस परिवर्तन का नेतृत्व युवाओं के हाथ में है। यदि छात्र दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें तो वे न केवल स्वयं सफल होंगे, बल्कि समाज और राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भरता ही आज की सबसे बड़ी मांग है, और आत्मनिर्भर बनने के लिए कौशल विकास, नए प्रयोग और ज्ञान का निरंतर विस्तार अनिवार्य है। राज्यपाल ने युवाओं को जीवन के हर क्षेत्र में ईमानदारी और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि चरित्र ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूँजी है और यही भविष्य की सफलता की आधारशिला बनती है।

दीक्षांत समारोह में कुल 195 स्वर्ण पदक विजेताओं को गोल्ड मेडल और उपाधि प्रदान की गई, जिनमें विभिन्न संकायों के छात्र-छात्राएं शामिल थे। विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रोफेसरगण, अधिकारी, कर्मचारी एवं अभिभावक बड़ी संख्या में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान पूरे परिसर में उत्साह और उपलब्धि का माहौल रहा।
समापन सत्र में राज्यपाल ने सभी डिग्रीधारकों व पदक विजेताओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और कहा कि युवा ही राष्ट्र की शक्ति हैं, और उनके सपनों के पूरा होने से ही देश समृद्ध और विकसित बन सकता है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे लक्ष्य चुनें, निरंतर मेहनत करें, आत्मविश्वास रखें और समाज की सेवा में अपनी भूमिका निभाएँ।
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