Chaibasa (चाईबासा) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में आदिवासी ‘हो’ समाज की परंपराओं को चुनौती देने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के लाखीपाई और टोंटो थाना क्षेत्र के पदमपुर गांव के बीच एक ही किली (गोत्र) के युवक-युवती ने आपसी संबंध बनाकर शादी जैसे रिश्ते में कदम रख दिया। समाज की परंपरा में इसे पाप और अपवित्रता की श्रेणी में रखा जाता है।

जानकारी के अनुसार, दोनों ही लागुरी किली (गोत्र) से ताल्लुक रखते हैं। लड़का मैट्रिक पास है जबकि लड़की इंटर तक पढ़ी हुई है। दोनों की पहचान मोबाइल फोन पर हुई और भाई-बहन जैसे रिश्ते को पति-पत्नी में बदल दिया। जब लड़की गर्भवती हो गई तो यह मामला दोनों परिवारों और पूरे समाज के सामने आया। घटना की जानकारी फैलते ही गांव में आक्रोश की लहर दौड़ गई।
ग्रामीणों का आक्रोश और विशेष बैठक
इस घटना से नाराज ग्रामीणों ने इसे समाज के लिए कलंक करार दिया। उन्होंने गांव के मुण्डा, इलाका मानकी और सामाजिक संगठनों को सूचित किया। रविवार को लाखीपाई गांव में एक विशेष बैठक बुलाई गई, जिसमें लाखीपाई और पदमपुर दोनों गांवों के मुण्डा, दियुरी, इलाका मानकी, तुर्ली मानकी सहित ‘हो’ समाज युवा महासभा के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
बैठक में लड़का और लड़की के अभिभावकों से बयान लिया गया। दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि उनके बच्चों ने गंभीर गलती की है। इसके बाद समाज के नेताओं और ग्रामीणों ने परंपरा और रीति-रिवाज के मुताबिक कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया।
समाज का फरमान: आजीवन बहिष्कार और शुद्धिकरण अनुष्ठान
बैठक में सर्वसम्मति से निम्न निर्णय लिए गए:
1. युवक और युवती को गांव और समाज से आजीवन बहिष्कृत किया जाएगा। उन्हें न तो गांव का निवासी माना जाएगा और न ही ‘हो’ समाज का सदस्य।

2. इस घटना को अपवित्र मानते हुए गांव और समाज का शुद्धिकरण अनुष्ठान किया जाएगा। इसके तहत पूजन सामग्री, मुर्गा-बकरी की बलि चढ़ाई जाएगी और सिंहबोंगा व पूर्वजों से सामूहिक माफी मांगी जाएगी। साथ ही अभिभावकों और घर के सदस्यों का मुंडन कराकर शुद्धि की जाएगी।

3. बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि प्राचीन काल में ऐसे मामलों में दोषियों को गांव की सीमा पर बने धनपुड़ा (बांदी) में बांधकर जिंदा जलाने की प्रथा थी। ग्रामीणों ने इसे अंतिम सजा के तौर पर दोहराया, हालांकि बुद्धिजीवियों ने साफ किया कि भारतीय कानून और संविधान के तहत इस तरह की सजा देना संभव नहीं है।
आरोपी बैठक से पहले फरार
बैठक शुरू होने से पहले ही युवक और युवती गांव छोड़कर फरार हो गए। इस पर ‘हो’ समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने बताया कि पहले भी इसी तरह के 4-5 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि समाज की परंपरा के अनुसार दोषियों को गांव-समाज से बाहर निकालने और धनपुड़ा में जिंदा जलाने की सजा देने की प्रथा रही है, लेकिन पुलिस-प्रशासन की दखल से इस प्रथा को रोका गया है।
बड़ी संख्या में ग्रामीण रहे मौजूद
बैठक में बड़ी संख्या में ग्रामीण और समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। इनमें ग्रामीण मुण्डा जामदार लागुरी, इलाका मानकी रामचंद्र लागुरी, तुर्ली मानकी दीपक लागुरी, पदमपुर ग्रामीण मुण्डा गुलिया लागुरी, जिला सचिव ओयबन हेम्ब्रम, अनुमंडल उपाध्यक्ष पुतकर लागुरी, पूर्व सचिव सिकंदर तिरिया, किशोर पिंगुवा, हरिश दोराईबुरू, घनश्याम गुईया सहित कई लोग शामिल हुए।
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