Chaibasa :- पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के भरनिया गांव के ग्रामीणों के कचरा निस्तारण प्लांट का विरोध करने के बावजूद प्लांट निर्माण के लिए नापी कराने पहुंचे कर्मचारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. भरनिया गांव के ग्रामीणों ने नगर परिषद के कर्मचारियों को लगभग दो घंटे तक बंधक बनाए रखा. बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद टोकलो थाना प्रभारी दल बल के साथ गांव पहुंच कर ग्रामीणों को समझाया तब जाकर ग्रामीणों की सहमति बनी और कर्मचारियों को रिहा किया.
बता दे कि नगर परिषद द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कचरा प्रबंधन प्लांट लगाया जाना है जिसे लेकर नगर परिषद कर्मचारी जमीन की नापी करने भरनिया गांव पहुंचे थे. जबकि गांव के ग्रामीण कचरा प्रबंधन प्लांट का ग्रामीणों द्वारा विरोध किया जा रहा था. ग्रामीणों के विरोध करने के बावजूद जमीन नापी करने नगर परिषद कर्मचारी गांव पहुंचे तो ग्रामीणों को इसकी भनक लग गई और भारी संख्या में आक्रोशित हो गए और उन्हें वंही रोक लिया. भरनिया गांव में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन योजना के लिए नगर परिषद की ओर से चयनित भूमि का नापी करने चक्रधरपुर अंचल कार्यालय के राजस्व उप निरीक्षक राजीव रंजन, अमिन गोविन्दा महतो आदि पहुंचे थे.
ग्रामीणों का कहना था कि हमारी जानकारी के बिना नापी कैसे की जा रही है. गांव में किसी भी प्रकार की योजना या विकास कार्य बिना ग्रामसभा के नहीं किया जा सकता है. अधिकारी अपनी मनमानी कर काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसा नहीं होने दिया जाएगा. ग्रामीणों ने राजस्व उप निरीक्षक व अमीन को घेरते हुए नापी करने से मना कर दिया.
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक पोड़ाहाट अनुमंडल पदाधिकारी व अन्य वरीय अधिकारी भरनिया गांव नहीं आएंगे, तब तक इन्हें गांव से नहीं जाने देंगे. इस दौरान ग्रामीण आक्रोशित दिखे. जानकारी मिलने के बाद टोकलो थाना प्रभारी अपने दल बल के साथ गांव पहुंचे और ग्रामीणों को देर तक समझाते रहे. लगभग दो घंटे तक समझाने पर ग्रामीण माने और राजस्व उप निरीक्षक राजीव रंजन व अमीन गोविंदा महतो उनके छोड़ दिया.