Chaibasa:- मंझारी प्रखंड के भागाबिला पंचायत अंतर्गत ग्राम बड़बिल में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय प्रांगण में राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड (श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार) क्षेत्रीय निदेशालय-जमशेदपुर के तत्वावधान में “द्विदिवसीय अनुसूचित जनजाति श्रमिक प्रशिक्षण कार्यक्रम” का समापन किया गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में झारखण्ड सरकार के पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए थे।
उन्होंने अपने संबोधन में कोल्हान प्रमण्डल के जनजातीय श्रमिकों के सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि गरीबी, अशिक्षा एवं नशाखोरी इस समुदाय के लोगों का मूल समस्या है। जागरूकता की कमी के कारण इस समुदाय के लोग सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा व कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं।। इसी वजह से ये लोग विकास की मुख्य धारा से पिछड़ गए हैं।आगे उन्होंने कहा कि जब तक इस समुदाय के लोग जागरूक नहीं होंगे इनके प्रगति का मार्ग अवरुद्ध रहेगा। आगे उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री का आत्म निर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र के युवाओँ में अपने कौशल को विकसित कर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता पर विशेष बल दिया।
इस अवसर पर बोर्ड के वरिष्ठ शिक्षा पदाधिकारी राज किशोर गोप ने अपने सम्बोधन में कहा कि जनजातीय समुदाय में जागृति का संचार कर ही उन्हें प्रगति के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है। आगे उन्होंने देश में हो रहे वैज्ञानिक परिवर्तन की जानकारी देते हुए कहा कि विज्ञान से जुड़े बिना तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण का अभाव आने वाला समय किसी भी व्यक्ति तथा समाज को बहुत पीछे छोड़ देगा जिससे डिजीटल इंडिया के सपने को साकार नहीं किया जा सकेगा।
कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के कार्यक्रम समन्वयक पीताम्बर राउत ने किया। उन्होंने ई श्रम कार्ड, बीओसी कार्ड बनाने के तरीके, इसके लाभ, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं किसान सम्मान निधि योजना के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दिया। इस कार्यक्रम में 40 महिला एवं पुरुष श्रमिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में वरिष्ठ समाजसेवी तथा भाजपा नेता वशिष्ठ प्रधान,गुरुचरण बांकिरा, मिथिलेश नन्द, विद्यालय के प्रधानाध्यापक महादेव मुंडा,सहायक शिक्षक जितेंद्र द्विवेदी,वार्ड सदस्य ललिता बिरुआ, वासुदेव महाराणा व गोविन्द चन्द्र गोप आदि का सराहनीय योगदान रहा।