Chaibasa :- पश्चिम सिंहभूम जिले के पेयजल विभाग कार्यालय के समक्ष झींकपानी जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने डेकची-बर्तन के साथ अपने क्षेत्रों में उत्पन्न पेयजल समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया. झींकपानी जिला परिषद सदस्य जॉन मिरन मुंडा ने लगातार पेयजल की समस्या के निराकरण के लिए क्षेत्र में दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम में उनका कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में डीएमएफटी फंड की बड़ी लागत खर्च कर सोलर जल मीनार बनाए गए हैं, जो हाथी के दांत बन चुके हैं. दूसरी तरफ चापाकलों की स्थिति भी खस्ता है, जिसके कारण ग्रामीणों को पीने का पानी भी नसीब नहीं हो पा रहा है, ग्रामीण गन्दा पानी पीने कों मजबूर है. पेयजल की समस्या को लेकर खराब चापाकलों के अविलंब मरम्मती एवं जल मीनार लगाने में हुई गड़बड़ी की जांच करने और दोषियों पर कार्रवाई करने के संबंध में आज जिला परिषद सदस्य झींकपानी, जॉन मिरन मुंडा ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चाईबासा में धरना प्रदर्शन किया. मौके पर सहायक कार्यपालक अभियंता को इस संबध में ज्ञापन भी सौंपा है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि झींकपानी जिप सदस्य जॉन मीरन मुंडा ने कहा की पेयजल विभाग में सांकेतिक धरना प्रदर्शन करके हम लोग पीने का स्वच्छ पानी को लेकर गांव गांव का में परेशानी हो रहा है और जो सोलर सिस्टम से जल मीनार हाथी दांत की तरह जो है शोभा बढ़ाया हुआ है. उसमें हुए घोटाले को जांच करके दोषियों पर कार्रवाई को लेकर के मांग प्रदर्शन हम लोग यहां कर रहे हैं. पहले पहले ही हम लोग धरना प्रदर्शन सांस्कृतिक रूप से करते हुए 15 दिन के अंदर में जल समस्या को लेकर के जो है हम लोगों ने मांग किया था कि दूर किया जाए लेकिन विभाग के द्वारा ऐसा कोई काम नहीं हुआ आज भी गांव के लोग पानी पीने को मजबूर हैं। 15 दिन बाद आज हम लोग बर्तन लेकर के विभाग में हम लोग पीने का पानी का मांग कर रहे हैं इसमें हमारा जिला परिषद सदस्य शामिल है और उनके द्वारा हम लोग विभाग को हम लोग बताना चाहते हैं कि आज जितने भी चापाकल गांव गांव में लगे हुए हैं लगभग 60% चापाकल खराब पड़े हुए हैं किसी का पाइप खराब हो चुका है आदि समस्या बनी हुई है इतना ही नहीं विभाग के पास भी उन चापक वालों को बनाने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध नहीं है दूसरी ओर ढाई लाख रुपए की योजना से जितने भी जल मीनार बने हैं वह सभी जल मीनार आज हाथी दांत की तरह शोभा मात्र बनकर रह गई है. गांव के लोगों को उसका कोई लाभ नहीं मिला है लेकिन उस योजना से ठेकेदार और जनप्रतिनिधि को जरूर लाभ मिला है ऐसी स्थिति में धरना प्रदर्शन के माध्यम से हम लोग मांग करते हैं जो जल विहार योजना में लूट हुई है, उसकी जांच हो और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. इसके साथ ही जितने भी खराब पड़े चापाकल हैं उनकी अभिलंब मरम्मती करवाई जाए, अन्यथा हम लोग आने वाले दिनों में पूरे जिले के जितने भी ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं. उन सारे लोगों को लेकर जल विभाग के समक्ष धरना प्रदर्शन किया जाएगा.