Adityapur: नगर निगम में प्रस्तावित वृहद जलापूर्ति योजना लेटलतीफी के विरुद्ध आयोजित एक दिवसीय महाधरना में शामिल होते हुए आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह ने नगर निगम बोर्ड और जनप्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया।
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जनकल्याण मोर्चा और अधिवक्ता संघ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित महाधरना में आदित्यपुर नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर को आमंत्रित करने के बावजूद नहीं पहुंचने पर पुरेंद्र नारायण सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि योजना लेटलतीफी के लिए नगर निगम बोर्ड के साथ जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार हैं। इन्होंने कहा कि 4 सालों में एक बार भी मेयर डिप्टी मेयर या किसी वार्ड पार्षद ने जलापूर्ति योजना के देरी होने पर बोर्ड बैठक में आवाज उठाई हो, इन्होंने कहा कि जिन्हें जनता की जिम्मेदारी दी गई है। वही जनता को ठगने का काम कर रहे हैं। घर-घर जलापूर्ति योजना पहुंचान तो दूर की बात गर्मी आते ही पेयजल संकट से जूझने वाले क्षेत्रों में बोरिंग के नाम पर परमिशन नहीं देने और टैक्स वसूले जाने का भी इन्होंने कड़ा विरोध किया। इन्होंने कहा कि नल-जल योजना के तहत गांव के घरों में 24 घंटे पेयजल उपलब्ध है. लेकिन आदित्यपुर महानगर जैसे क्षेत्र में 4 सालों में भी 24 घंटे पानी उपलब्ध नहीं होना दुर्भाग्य की बात है.जनप्रतिनिधियों पर तंज कसते हुए कहा कि क्षेत्र में टैंकर की राजनीति की जाती है इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है. आज भी शहर में रहने वाले लोग वर्षों पूर्व पानी ढ़ोने का काम कर रहे हैं जो वर्तमान निगम प्रशासन के मुंह पर करारा तमाचा है। इन्होंने कहा कि जनता जाग चुकी है और ऐसे जनप्रतिनिधियों को सबक सिखाने का काम करेगी।