Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिले में बुधवार को भाजपा द्वारा बुलाए गए कोल्हान बंद का व्यापक असर दिखाई दिया। सुबह से ही भाजपा कार्यकर्ता और स्थानीय सामाजिक संगठन सड़कों पर उतरे और दुकानों-प्रतिष्ठानों को बंद कराने की अपील की। इसके चलते चाईबासा शहर की ज्यादातर दुकानें व बाजार बंद रहे। वहीं, टाटा-रांची, किरीबुरू और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बसों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा। आम लोगों की आवाजाही पर भी बंद का असर पड़ा।

चाईबासा बाईपास से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय मार्ग ओड़िशा और बंगाल को जोड़ता है। बंद के कारण इस मार्ग पर ट्रक चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई वाहन घंटों जाम में फंसे रहे। वहीं, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर, सोनुआ समेत कई जगहों पर बंद समर्थकों ने सड़क के बीचों-बीच टायर जलाकर यातायात ठप कर दिया।
यह बंद सोमवार रात ताम्बो चौक पर हुई घटना के विरोध में बुलाया गया था। उस दिन मंत्री दीपक बिरुआ के आवास का घेराव करने पहुंचे आदिवासी युवकों पर पुलिस ने देर रात लाठीचार्ज किया था, जिसके बाद भगदड़ मच गई। इस दौरान 17 युवक लापता हो गए और चार की गिरफ्तारी हुई। इन्हीं युवकों की बरामदगी और गिरफ्तार युवकों की रिहाई की मांग को लेकर भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ मिलकर बंद का आह्वान किया।
इधर, मंगलवार को भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई ने चाईबासा पोस्ट ऑफिस चौक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर विरोध जताया। नेताओं ने सरकार पर आदिवासी युवकों की आवाज दबाने और पुलिसिया दमन करने का आरोप लगाया।
बंद के दौरान पूरे जिले में जनजीवन प्रभावित रहा। स्कूल-कॉलेजों में उपस्थिति बेहद कम रही और सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह ठप रहा। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई।
http://चाईबासा पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में पुतला दहन, 29 अक्टूबर को संपूर्ण कोल्हान बंद

 




