Jadugoda : रामनवमी का त्यौहार जादूगोड़ा क्षेत्र में समारोहों के बीच हर्षोल्लास के साथ मनाया गया . इस मौके पर दुर्गा वाहिनी के संयोजन और आद्या शक्ति महिला अखाडा द्वारा आयोजित महिलाओं का अखाडा जुलूस पूरे क्षेत्र के लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा . जादूगोड़ा यूसिल डैम में गुर्रा नदी के तट पर स्थित शिव मंदिर प्रांगण में आयोजित इस समारोह में पोटका की पूर्व विधायक मेनका सरदार , पूर्वी सिंहभूम सेंट्रल दुर्गा पूजा समिति के वरीय उपाध्यक्ष सह अखाड़ा के संरक्षक आशीष गुप्ता , जादूगोड़ा थाना प्रभारी अभिषेक कुमार , केन्द्रीय रामनवमी समिति के उपाध्यक्ष अरुण सिंह भी शामिल हुए . अखाडा कमिटी के सदस्यों ने सभी अतिथियों का गर्मजोशी से साफा पहनाकर एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया.
इस मौके पर उपस्थित पूर्व विधायक मेनका सरदार ने कहा की ये बहुत हर्ष की बात है की पूर्वी सिंहभूम जिला में इतने सालों के इतिहास में पहली बार दुर्गा वाहिनी के सहयोग से महिला अखाड़ा निकाला जा रहा है. ये समाज में एक बहुत बड़े बदलाव का संकेत है. अब महिलाएं हर क्षेत्र मे बढ़ चढ़कर भाग लेकर अपनी क्षमता प्रदर्शित कर रही है. उन्होंने कहा की आद्या शक्ति महिला अखाडा के माध्यम से किशोरियों को दिया जाने वाला आत्मरक्षा का प्रशिक्षण नारी सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है.
अखाडा के संरक्षक आशीष गुप्ता ने कहा की महिलाओं का अखाडा निकालना पहले केवल एक कल्पना थी. मगर दुर्गा वाहिनी एवं आद्या शक्ति महिला अखाड़ा ने इस कल्पना को यथार्थ में बदलने का काम किया है. आज इस अखाड़े में करीब 40 महिला सदस्य हैं जिन्हें शस्त्र कला, लाठी और अन्य हथियारों का चलाने का प्रशिक्षण दिया गया है. इस अखाड़े की महिला सदस्य केवल अखाड़ा ही नहीं आने वाले समय में समाज के हर क्षेत्र में सक्रीय रूप से अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगी.
इसके बाद अखाड़ा की संयोजक तथा दुर्गा वाहिनी की प्रांत सह संयोजिका अरुणा सारंगी के नेतृत्व में सभी खिलाडियों ने अखाड़ा के उस्ताद गुरु कंचन षाडंगी को सलामी देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
जुलूस का आरम्भ जादूगोड़ा यूसिल डैम घाट से हुआ जो बगलासाई, मेचुआ होते हुए जादूगोड़ा मोड चौक पहुंचा. जहाँ जुलूस में शामिल किशोरियों एवं युवतियों ने एक से बढ़कर एक हैरतअंगेज खेलों का प्रदर्शन किया और दर्शको को दांतों तले ऊँगली दबाने को मजबूर कर दिया. खिलाडियों ने पाने पेट पर लकड़ी का तख्ता रखकर मोटरसाइकिल पार करवाने, आँखों पर पट्टी बांधकर फरसा से ईंटा तोड़ने, कांच पर नंगे पाँव चढ़कर लाठी भांजने जैसे एक से बढ़कर एक खतरनाक खेलों का प्रदर्शन किया. इसके बाद जुलूस नवरंग मार्केट, गाँधी मार्केट, सामुदायिक केंद्र जादूगोड़ा मैदान होते हुए यूसिल शिव मंदिर जादूगोड़ा में जाकर विसर्जित हुआ.
इस जुलूस की सबसे ख़ास बात ये रही की आयोजको ने सबसे पहले जुलूस निकाल कर सबसे पहले विसर्जन भी कर दिया.
आद्या शक्ति महिला अखाडा में रौशनी पात्रो, नीलिमा गिरी, ऋतू पात्र, यशमती पात्र, आमया पात्र, रिंकी आचार्या, शौर्य सीट, रेशमा पात्र रिया पात्र, स्वीटी पात्र, नंदिनी प्रसाद, पूजा मांझी, सुब्रती मंडल, मोइना पात्रो, दिशा कुमारी, रिद्धि कुमारी, महक बहादुर, बबली सोनम, सीमा कुमारी, प्रिया लकड़ा, समृद्धि शर्मा, श्वेता कुमारी, सोनाली कुमारी, निधि कुमारी आदि ने अपने खेल का प्रदर्शन किया.
इस आयोजन को सफल बनाने में पिंकी सिंह,अर्चना सिंह, उषा साव, सुनीता साव, बसंती साव, सुमित्रा गिरी, लालबाबू साव, एम के दुबे, राजकिशोर मिस्त्री, राजनाथ मिस्त्री, आजाद भाई, संजीव डे, राजनाथ मिस्त्री आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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