Adityapur (आदित्यपुर) नगर निगम क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत चयनित लाभार्थियों को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप सामने आए हैं। समाजिक एवं आरटीआई कार्यकर्ता रविन्द्र घोष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
रविन्द्र घोष के अनुसार, योजना का उद्देश्य गरीब एवं वास्तविक जरूरतमंद परिवारों को आवास उपलब्ध कराना है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसके मानकों की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि आर्थिक रूप से सक्षम लोग, यहां तक कि इनकम टैक्स देने वाले व्यक्ति भी पैसों के बल पर इस योजना का लाभ ले रहे हैं। बाहरी राज्यों से आए व्यक्तियों को भी लाभुक बनाया गया है। कई परिवार ऐसे पाए गए हैं जिनके पास दूसरे राज्यों में भूमि और संपत्ति होने के बावजूद उन्हें आवास उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा, वर्ष 2011 में जो लोग आदित्यपुर के मतदाता भी नहीं थे, उन्हें भी लाभ दिया जाना खुला नियम उल्लंघन माना जा रहा है। कई मामलों में एक ही परिवार के माता, पिता, बहन या अन्य सदस्यों के नाम पर बार-बार आवास स्वीकृत किए जाने की शिकायतें भी सामने आई हैं।
घोष ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि कुछ घरों में तीन से चार तक लाभुकों को आवास दिया गया है, जबकि वास्तविक जरूरतमंद परिवार दर-दर भटक रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि किसी स्वतंत्र एजेंसी से पारदर्शी जांच कराई जाए।
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