Adityapur (आदित्यपुर) : झारखंड आंदोलनकारी लालमोहन सरदार के 32वें शहादत दिवस पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने चावला मोड़ पर एक विशाल सभा का आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में झारखंड सरकार के परिवहन एवं भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
मंत्री दीपक बिरुआ ने अपने संबोधन में कहा कि जो लड़ते हैं, वही मरते हैं, यही झामुमो की पहचान है. उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा कि झारखंड सरकार गरीबों, किसानों और शोषित वर्ग के हक के लिए हमेशा तत्पर है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि झारखंड सरकार के हिस्से की 1.36 लाख करोड़ रुपए की रॉयल्टी नहीं दी जा रही है. इसके लिए एक और आंदोलन की आवश्यकता हो सकती है.
लालमोहन सरदार के योगदान को किया याद
झामुमो के केंद्रीय सदस्य गणेश चौधरी ने कहा कि लालमोहन सरदार ने औद्योगिक क्षेत्र के कामगारों और अलग झारखंड राज्य के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि लालमोहन सरदार के बलिदान का ही परिणाम है कि आज झारखंड एक अलग राज्य के रूप में स्थापित है, और हेमंत सोरेन इसके मुख्यमंत्री हैं।
विशिष्ट और सम्मानित अतिथि
सभा में झामुमो के केंद्रीय सदस्य गणेश चौधरी, कृष्णा बास्के, और झामुमो के विधानसभा प्रत्याशी गणेश महाली विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे। जिला अध्यक्ष भगलु सोरेन, आंदोलनकारी वीरेंद्र गुप्ता, केंद्रीय सदस्य बिशु हेम्ब्रम, जिला उपाध्यक्ष मुर्तजा आलम, और कांग्रेस नेता खिरोद सरदार समेत अन्य नेता और कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
महिलाओं को किया गया सम्मानित
सभा के अंत में 1100 महिलाओं को अंगवस्त्र और कंबल वितरित कर उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय सदस्य रुद्रो महतो और जिला सचिव मनोहर कर्मकार ने किया। झामुमो ने इस सभा के माध्यम से न केवल आंदोलनकारियों की विरासत को याद किया, बल्कि वर्तमान सरकार की उपलब्धियों और चुनौतियों को भी साझा किया।