आदित्यपुर: औद्योगिक नगरी आदित्यपुर के लिए सोमवार का दिन ऐतिहासिक दिन रहा, जब नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ने अपने पहले बैच के साथ मेडिकल शिक्षा की नई शुरुआत की।

कॉलेज परिसर में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और अतिथियों ने मिलकर नए शैक्षणिक सफर की शुरुआत की।कार्यक्रम की शुरुआत साई बाबा और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान के साथ हुई। संचालन दीपिका कुमारी ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के चेयरमैन मदन मोहन सिंह ने छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान में नेताजी सुभाष ग्रुप ऑफ एजुकेशन में करीब 27,000 छात्र अध्ययनरत हैं। उनका सपना है कि हर गरीब और मेधावी छात्र को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले और वह समाज में सार्थक योगदान दे सके।उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में सामान्य शिक्षा के साथ-साथ मेडिकल और इंजीनियरिंग की उच्चस्तरीय पढ़ाई की व्यवस्था की गई है। उन्होंने छात्रों से कहा—“आपको यहां हर तरह की आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, बस जरूरी है मेहनत और समर्पण।” इस अवसर पर चेयरमैन ने प्रिंसिपल डॉ. के.एन. सिंह, एमडी डॉ. विभा सिंह, तथा कोर कमेटी के सदस्य मृत्युंजय झा, अरुण कुमार, तन्वीर आलम, लक्ष्मी, ज्योति और रजिस्ट्रार का बुके देकर सम्मान किया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि निराला सिंह ने कहा कि जहां पूरी दुनिया युद्ध की तैयारी में लगी है, वहीं चेयरमैन एम.एम. सिंह लोगों को जीवन देने के लिए मेडिकल कॉलेज की स्थापना कर रहे हैं। प्रो. डॉ. नवीन कुमार शर्मा ने छात्रों को अनुशासन, लगन और मेहनत के साथ पढ़ाई करने की सलाह दी। वहीं प्रिंसिपल डॉ. के.एन. सिंह ने कहा कि कॉलेज की सफलता छात्रों और शिक्षकों की मेहनत पर निर्भर करेगी। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए छात्रों से वैसा ही जुनून अपनाने का आह्वान किया। निदेशक डॉ. विभा सिंह ने इस दिन को “हर्ष और गौरव का दिन” बताया और छात्रों से कहा कि वे सच्ची लगन और मेहनत से अपने माता-पिता के सपनों को साकार करें।
गौरतलब है कि नेताजी सुभाष एजुकेशनल ट्रस्ट का पहला मेडिकल कॉलेज बिहटा (पटना) में संचालित है। आदित्यपुर में कॉलेज खोलने का सपना कोरोना काल में देखा गया था, जो अब साकार हुआ है। यहां 100 सीटों की अनुमति मिली है और सभी सीटों पर नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। इस प्रकार सरायकेला-खरसावां जिले में मेडिकल शिक्षा का नया अध्याय शुरू हो गया है।

