Jamshedpur (जमशेदपुर) : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा के तांबो चौक पर आदिवासी संगठनों के धरना प्रदर्शन पर पुलिस लाठीचार्ज और गिरफ्तारियों को लेकर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कड़ा विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि यदि गिरफ्तार लोगों को अविलंब रिहा नहीं किया गया और उनके खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए, तो कोल्हान प्रमंडल में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया जाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि बंद के दौरान पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां जिलों से एक भी पत्थर की ढुलाई नहीं होने दी जाएगी।
झारखंड हाईकोर्ट से स्वतः संज्ञान लेने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने इस घटना को आदिवासी समुदाय के दमन की कार्रवाई बताया। उन्होंने बिना नाम लिए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “जब-जब आदिवासी अपने हक और अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं, तब-तब यह सरकार आंदोलन को कुचलने का काम करती है।”
चंपाई सोरेन ने झारखंड उच्च न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने की अपील की है और कहा कि अदालत एसटी/एससी (SC/ST) अधिनियम के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे।
क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों कई आदिवासी संगठनों ने राज्य के मंत्री दीपक बिरुआ के आवास के घेराव की घोषणा की थी। प्रशासन ने एहतियातन निषेधाज्ञा लागू कर दी थी और प्रदर्शनकारियों को तांबो चौक पर रोक दिया गया। इसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं धरना पर बैठ गए और NH-220 व NH-75E पर भारी वाहनों की नो-एंट्री लागू करने की मांग करने लगे।
रात के समय प्रदर्शन स्थल पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। इस दौरान महिलाओं सहित 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया। वहीं, प्रशासन ने 75 नामजद और 500 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
चंपाई सोरेन ने कहा:
“यह आदिवासियों की आवाज को दबाने की कोशिश है। यदि निर्दोषों को रिहा नहीं किया गया, तो कोल्हान पूरी तरह ठप कर दिया जाएगा।”

 
