Chaibasa :- विद्यायक-सांसद व जनप्रतिनिधियों को सिर्फ गाँव का फूटबॉल मैच में अतिथि न बनाए, जब चुनाव आता है तो उसमें हड़ियाँ और दारू का पैसा न माँगे. ये सारी हालातों को हम गांव वालों ने ही उत्पन्न किया है. जिससे नेता लोग मजबूरी में हड़िया और दारू का पैसा देते हैं. उक्त बातें आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम ने तांतनगर प्रखंड के सुरलू में आयोजित सामाजिक जागरूकता अभियान कार्यक्रम के संबोधन में ग्रामीणों से कहीं.
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गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने ग्रामीणों से अपील किया है कि गाँव का बदहाली का जिम्मेवार हमलोग भी हैं. हम समझ नही पाते हैं कि सिर्फ मतदान करते हैं तो हमने बहुत बड़ी काम किया है. यह लोकतांत्रिक देश में हमारा संवैधानिक अधिकार है.
उक्त कार्यक्रम में आदिवासी हो समाज युवा महासभा की ओर से ग्रामीणों को कोल्हान प्रमंडल के क्षेत्र में चल रहे सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम के बारे में भाषा-संस्कृति, ग्राम सभा, सरकार की जनकल्याणकारी योजना तथा सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में ग्रामीणों को विस्तृत जानकारी दिया गया. देश और राज्य में किसी का भी सरकार हो लेकिन इसकी सामाजिक भागीदारी हम सबका है. खतियान, राशन कार्ड, बैंक पासबुक और आधार कार्ड इत्यादि के रखने से घर में बैठे-बैठे कुछ भी नही मिलेगा. आपको प्रक्रिया से गुजरना ही होगा.
उन्होंने लोगों को जानकारी दिया कि गाँव-समाज की विकास के साथ-साथ हो भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने का सांगठनिक स्तर पर मुहिम चल रहा है. जो आगामी 21 अगस्त को दिल्ली जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय स्तर पर धरना-प्रदर्शन होना है. जिसमें विभिन्न राज्यों से हो समाज के प्रतिनिधि आ रहे हैं. सुरलू के ग्रामीणों ने हो भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए गाँव स्तर से आर्थिक सहयोग एवं सामाजिक सहयोग करने के लिए सहमति जतायी और युवाओं को गाँव से दिल्ली भेजने के लिए जिम्मेदारी उठायी.