Chaibasa (चाईबासा) झारखंड सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई नई शराब नीति का प्रभाव अब ज़मीन पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। शराब के दामों में हुई बढ़ोतरी के कारण गुवा, बड़ाजामदा, किरीबुरू सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित राज्य के शराब दुकानों की बिक्री में 30 से 40 प्रतिशत तक की भारी गिरावट दर्ज की गई है। उपभोक्ता अब कम कीमत पर शराब खरीदने के उद्देश्य से बड़ी संख्या में पड़ोसी राज्य ओडिशा का रुख कर रहे हैं, जिससे झारखंड सरकार को राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
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क्या है पूरा मामला
नई नीति लागू होने के बाद झारखंड और ओडिशा के शराब मूल्य में बड़ा अंतर देखने को मिल रहा है। उदाहरण के तौर पर, झारखंड में एक बोतल जिसकी कीमत 800 रुपये है, वही ब्रांड ओडिशा में मात्र 640 रुपये में उपलब्ध है। 160 रुपये प्रति बोतल के इस अंतर के कारण उपभोक्ता सीमावर्ती इलाकों में स्थित दुकानों को छोड़कर सीधे ओडिशा से खरीदारी कर रहे हैं।
व्यापारियों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय शराब व्यवसायियों का कहना है कि यदि यह स्थिति लंबे समय तक जारी रही तो झारखंड में शराब कारोबार का बड़ा हिस्सा ओडिशा शिफ्ट हो सकता है, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। उन्होंने सरकार से शराब दरों पर पुनर्विचार करने की मांग की है ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में बिक्री में आई गिरावट को रोका जा सके तथा अवैध खरीद-बिक्री पर नियंत्रण पाया जा सके।
वहीं स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जब कीमतों में इतना अंतर हो, तो स्वाभाविक है कि लोग सस्ती शराब के विकल्प को चुनेंगे। फिलहाल नई शराब नीति विवाद का विषय बनी हुई है और व्यापारी इसके समाधान की उम्मीद लगाए हुए हैं।
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