सरायकेला: 1 जनवरी 1948 को खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए लोगों के शहादत झारखंड राज्य के निर्माण में भुलाया नहीं जा सकता, शहीदों ने प्राणों की आहुति के चलते खरसावां का यह पवित्र शहीद स्थल आज हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है. जिससे हमें आगे बढ़ाने की शक्ति मिलती है, यह बातें झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने खरसावां शहीद दिवस के उपलक्ष पर शहीद बेदी पहुंचकर श्रद्धांजलि देने के उपरांत पत्रकार वार्ता में कहीं.
सरायकेला: मानकी मुंडा संघ की हुई बैठक,खरसावां शहीद स्थल पर विधिपूर्वक देंगे श्रद्धांजलि
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ,केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां शहीद स्थल पहुंचकर 1 जनवरी 1948 खरसावां गोलीकांड में शहीद हुए लोगों को नमन करते हुए बेदी पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, इसके बाद राज्यपाल समेत केंद्रीय मंत्री ने शहीद स्मारक पर तेल अर्पित कर शहीदों को नमन किया। इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि आज जिस आधुनिक झारखंड राज्य की परिकल्पना हुई है, उसमें खरसावां का यह पवित्र सहित स्थल भी अहम स्थान रखता है. राज्यपाल ने कहा कि शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए हमें बेहतर राज्य का निर्माण करना है ,जहां लोगों में परस्पर मेल भाव भाईचारा बना रहे, हमें मिलजुलकर विकास के पद पर राज्य को आगे बढ़ाना है, राज्यपाल ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक खनिज संपदा से परिपूर्ण राज्य है ,हमें ऐसा प्रयास करना चाहिए कि इन प्राकृतिक संपदाओं का बेहतर तरीके से प्रयोग कर हम राज्य को विकास के अग्रणी पंक्ति में लाकर खड़ा करें.
पहली बार शहीद स्थल पर राज्यपाल का पहुंचना गर्व की बात, प्रेरणास्थल बन चुका है खरसावां शहीद स्थल: अर्जुन मुंडा
शहीद दिवस के उपलक्ष्य पर राज्यपाल के साथ मौजूद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि खरसावां के इस पवित्र स्थल पर पहली बार राज्यपाल का आगमन हुआ है ,जो हर्ष का विषय है. इन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में पहली बार सैकड़ो लोगों ने प्राणों की आहुति देकर इस स्थल को पवित्र कर दिया है. और अब यह पूरे राज्य के लिए प्रेरणास्थल के रूप में जाना जाता है, नव वर्ष के पहले दिन खरसावां का यह शहीद स्थल आस्था का केंद्र बना रहता है, जहां दूर दराज से लोग शहीदों को नमन करने पहुंचते हैं. इस मौक पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के साथ रांची के सांसद संजय सेठ, खरसावां के विधायक दशरथ गागराई, पूर्व विधायक मंगल सिंह सोए भी उपस्थित थे।