Chaibasa :- अवैध लॉटरी का काला कारोबार पश्चिमी सिंहभूम ही नही पूरे कोल्हान में थमने का नाम नही ले रहा है. यह अवैध लॉटरी का काला धंधा चाईबासा से संचालित किया जा रहा है. इसका मास्टरमाइंड कहने को तो फरार है लेकिन वो आराम से सेटिंग कर चाईबासा में रहता है और अपने गुर्गों के सहारे कोल्हान के भोले भाले लोगों को लखपति और करोड़पति बनाने की गाढ़ी कमाई लूटने का काम कर रहा है. पूरे कोल्हान क्षेत्र में 8 से 10 लाख रुपये की अवैध लॉटरी का प्रतिदिन का कारोबार हो रहा है.
कोल्हान आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां आदिवासियों की संख्या अधिक है, दैनिक मजदूरी कर अपने घरों को चलाने वालों को रातो रात लखपति और करोड़पति बनाने का सपना दिखाकर उनकी गाड़ी कमाई को चुना लगा रहे हैं. ऐसे में अवैध लॉटरी के कारोबारी दिन दुगनी रात चौगुनी करने में जुटे हुए हैं. ऐसा नहीं है कि इस कारोबार की जानकारी पुलिस को नही है. अवैध लॉटरी माफिया कारोबार संचालित क्षेत्र के थाना पुलिस को मिला कर अपने कारोबार को संचालित कर रहे हैं. खास बात यह है कि इनके द्वारा चलाए जा रहे अवैध लॉटरी भी खुद ही प्रिंट करवाते हैं और लोगों को बीच अपने गुर्गों के सहारे बिक्री करवाते हैं. कई बार लोगों का भरोसा जीतने के लिए कई लोगों को लॉटरी लगने पर डेढ़ से दो लाख रुपए भी दिए हैं. जिससे कि लोगों में इस लौटे की सत्यता बनी रहे और लोगों का भरोसा अवैध लॉटरी के कारोबारी जीत सके.
विगत 29 जुलाई 2022 में चक्रधरपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कपिल चौधरी ने अवैध लॉटरी के विरुद्ध मुहीम छेड़ा था. वो इतिहास के पन्नों मे दर्ज हो कर रह गया. क्योंकि छापेमारी के दौरान पहली बार इतने बड़े पैमाने में अवैध लॉटरी के कारोबार को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड सिकंदर यादव के आवास से अवैध लॉटरी के बंडल बरामद किया गया. इस छापेमारी मे चक्रधरपुर के SDPO कपील चौधरी की ईमानदार छवि के आगे सिकंदर यादव के रूह तक कांप गया था. यही कारण है कि वह अपने घर की छत के रास्ते भागने सफल हो गया था. लेकिन घर से कूदने के क्रम में उसके पैर मे गंभीर चौटें आई थी. हालांकि गुप चुप तरीके से अपना ईलाज करवाकर स्वस्थ हो गया है और अपने अवैध कारोबार के पैसे के दम पर पुलिस के कागज पर तो यह फरार है. लेकिन वह प्रतिदिन चाईबासा स्थित अपने घर में आराम से रह रहा है. जबकि झारखंड हाईकोर्ट ने भी उसके बेल को रिजेक्ट कर दिया है. उसके बावजूद अवैध लॉटरी का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिम सिंहभूम जिले के मुख्यालय शहर चाईबासा एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में अब भी अवैध लॉटरी कारोबार धड़ल्ले से जारी है. वंही मास्टरमाइंड सिकंदर यादव अब भी कहने मात्र के लिए फरार है जबकि वो शहर में खुलेआम शहर में अपनी महंगी काली गाड़ी में खुलेआम घूम रहा है. इतना ही नहीं इन्हीं गाड़ियों में अवैध लॉटरी चाईबासा लाया जाता है इसके साथ ही पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी घाटशिला, बहरागोड़ा आदि क्षेत्रों में सप्लाई की जाती है. महंगी गाड़ी देख पुलिस वाले भी इसकी जांच नहीं करते. इसी का फायदा उठाकर अवैध लॉटरी के कारोबारी लोगों की गाढ़ी कमाई लूट रहे हैं.
विगत 29 जुलाई 2022 को चक्रधरपुर थाने में दर्ज मामले मे बनाए गये अधिकतर आरोपी फिर से इस कारोबार मे जुड़ गये हैं. मामला दर्ज होने के बाद से मास्टरमाइंड सिकंदर यादव फरार है वही जिन्हें बेल मिल चुकी है उनसे अपना काम फिर से करवाने में जुट गया है. वर्तमान मे आशीष यादव ऊर्फ गोलू, सिकंदर यादव के यंहा मैनेजर के तौर पर काम करने लगा है. जबकि पूर्व छवि के आधार पर चाईबासा के सेशन जज प्रथम न्यायालय से जमानत पाने वाले अभिषेक कुमार दीक्षित ऊर्फ राजा पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी एवं घाटशीला क्षेत्र मे अवैध लॉटरी के खेप को पहुँचाने का काम मे जुटा है. वैसे मात्र दिखावे के लिए सिकंदर यादव के बस एजेंट का काम करता है. वहीं चाईबासा शहर मे लम्बे समय से अवैध लॉटरी के कारोबार मे लिप्त रहने वाले मुनकी शर्मा भी इस अवैध लॉटरी का डीलर बनकर छोटे छोटे लॉटरी विक्रेताओं को संपर्क कर अपने धंधे में लग गया. जो की बांधपाड़ा, कोर्ट एरिया एवं एसपीजी मिशन कैम्पस के आस पास अपने गुर्गो से प्रतिबंधित लॉटरी बेचवाने का को अंजाम देने जुटा हुआ है एवं इस काम मे सन्डे राजू उसका साथ देता है. इसके अलावे संतोष ठाकुर एवं संतोष दास मेरिटोला, चाईबासा रेलवे स्टेशन के बाहर चाउमीन बेचने वाला भी अवैध लॉटरी बेचने लगा है.