भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की चाईबासा शाखा द्वारा वरिष्ठ रंगकर्मी स्व. कृष्ण कुमार जायसवाल के निधन पर गांधी टोला में शोक सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित सदस्यों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
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शोक सभा को संबोधित करते हुए इप्टा के सचिव संजय कुमार चौधरी ने कहा कि साथी जायसवाल जी का आकस्मिक निधन न केवल इप्टा, बल्कि संपूर्ण कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। वहीं अध्यक्ष कैसर परवेज़ ने उन्हें याद करते हुए कहा कि किशन जी सिर्फ एक समर्पित रंगकर्मी ही नहीं, बल्कि एक कुशल मेकअप आर्टिस्ट भी थे। वे इप्टा के नाटकों में अभिनय करने के साथ-साथ कलाकारों का मेकअप भी बड़ी निष्ठा से किया करते थे।
इप्टा सदस्य शीतल सुगंधिनी बागे ने कहा कि किशन जी एक उत्कृष्ट कलाकार होने के साथ-साथ अत्यंत मिलनसार और स्नेही व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने तरुण मुहम्मद के निर्देशन में इप्टा के चर्चित नाटकों “मशीन”, “राजा का बाजा”, “हत्यारे”, “अंगोला की आवाज” और “नया इतिहास” में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। इप्टा के साथी उन्हें स्नेहपूर्वक “नाना” कहकर पुकारते थे।
उल्लेखनीय है कि कृष्ण कुमार जायसवाल पिछले लगभग दस वर्षों से पैरालिसिस रोग से पीड़ित थे। हाल ही में बाथरूम में फिसलकर गिरने से उनके सिर में गंभीर चोटें आईं, जिसके बाद जमशेदपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया। वे 73 वर्ष के थे।
शोक सभा में संजय चौधरी, कैसर परवेज़, शीतल सुगंधिनी बागे, राजू प्रजापति, विक्रम राम, शिव शंकर राम, पप्पू मछुआ, गिरीश दोदराजका, सुमन गोप, चमरू करवा, जूलियानी कोड़ा, सुशीला पूर्ति सहित इप्टा के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
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