Chaibasa :- जल दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है, पर कई क्षेत्रों में आज भी पानी के लिए लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विशेषकर चाईबासा शहरी क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण शहरी जलापूर्ति योजना को लेकर अधिकांश रूप से पाइप लाइन बिछाने का कार्य पूर्ण हो चुका है.
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वहीं कुछ वार्डो में पाइप लाइन बिछाने को लेकर नए डीपीआर के तहत पाइप लाइन बिछाने योजना को अमलीजामा पहनाने का कार्य किया जाना है पर मजे की बात यह है कि शहर में विगत 60 वर्षों पूर्व जब पेयजल की आवश्यकता अनुरूप शहरी जलापूर्ति योजना शुरू की गई थी और आबादी के हिसाब से जिन मुख्य मार्गों में पाइपलाइन को बिछाया गया था. ऐसे कई स्थानों को नई शहरी जलापूर्ति योजना को लागू करने के पूर्व किए गए तथाकथित सर्वे में छोड़ दिया गया. इसके लिए कौन दोषी पदाधिकारी है, किनकी लापरवाही से सर्वे में मुख्य मार्गो में पाइप लाइन बिछाए जाने के कार्यों को नजरअंदाज किया गया. जलापूर्ति जैसी मूलभूत सुविधा से महरूम रखने का कृत्य किसके इशारे पर हुआ, यह शहर की जनता को जानना आवश्यक है. पाइपलाइन बिछाए जाने के बावजूद भी कई परिवार के लोगों को शहरी जलापूर्ति योजना के कनेक्शन के लिए नेशनल हाईवे के रोड कटिंग से कनेक्शन लेने तथा कई सौ फुट दूर से पाइप लाइन कनेक्शन को लेकर जद्दोजहद की लड़ाई लड़ने पड़ेगी. हालांकि स्थानीय माननीय जनप्रतिनिधि द्वारा संबंधित विभाग को कार्यशैली में सुधार लाने को लेकर अथक प्रयास किया गया. परन्तु नतीजा नए डीपीआर, नए आवंटन की बाट जोहने आदि में अटक कर रह गया. वही विभाग द्वारा करेंगे, सोचेंगे ,देखेंगे, वार्तालाप करेंगे जैसे ख्याली दुनिया के जादुई नगरी में परवाज लगाने का कार्य किया जा रहा है. हालांकि नेतृत्व विहीन कुछ महानुभावों द्वारा बकायदा इसको लेकर पत्राचार भी संबंधित विभाग से किया गया पर वर्तमान में नतीजा सिफर ही निकल रहा है. वहीं दूसरी ओर कुछ वार्डो में रसूखदारो के प्रयास से गुपचुप तरीके से पानी का नया कनेक्शन देने का कार्य किया जा रहा है.