Chaibasa :- झारखंड सरकार द्वारा होल्डिंग टैक्स में की गई अप्रत्याशित वृद्धि के कठोरतम निर्णय एवं उसकी अधिसूचना जारी करने के पश्चात आम जनमानस में व्याप्त आक्रोश को लेकर कोल्हान मानवाधिकार संगठन द्वारा बुधवार को समाहरणालय में महामहिम राज्यपाल के नाम उपायुक्त अनन्य मित्तल को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि विगत 29 अप्रैल को झारखंड सरकार की मंत्री परिषद की बैठक में नगर क्षेत्र के निवासियों के आवासीय एवं गैर आवासीय संपत्ति के होल्डिंग टैक्स में अप्रत्याशित वृद्धि को स्वीकृति प्रदान करते हुए सचिव नगर एवं आवास विभाग के द्वारा अधिसूचना जारी करते हुए पूर्व निर्धारित होल्डिंग टैक्स में 50 से 300 प्रतिशत तक की वृद्धि करने का नियम लाया गया है। जिससे नगर पालिका क्षेत्र में रह रहे निवासियों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ बढ़ गया है।
सरकार के इस कठोर निर्णय की वजह से निवासियों के जीवन यापन एवं व्यवसायिक गतिविधियों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, यहां यह भी उल्लेखनीय है कि नियम द्वारा होल्डिंग टैक्स को प्रत्येक 5 वर्ष में 10 से बढ़ाकर 25% भी कर दिया गया है जो कि कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के विरुद्ध है। कोरॉना काल एवं बढ़ती महंगाई को देखते हुए यह अप्रत्याशित वृद्धि असहनीय है एवं न्यायहित के विरुद्ध है। इस अप्रत्याशित होल्डिंग टैक्स की वृद्धि के नियम पर पुनर्विचार करते हुए न्याय हित एवं जनहित में से कम करने का कार्य किया जाना अति आवश्यक है। मानवाधिकार संगठन द्वारा जनहित में इसको लेकर उचित दिशा निर्देश देने तथा समुचित कार्रवाई का आदेश पारित करने की प्रार्थना की गई।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से कोल्हान मानवाधिकार संगठन के अध्यक्ष रामानुज शर्मा, उपाध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र नाथ पांडे, महासचिव वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप कुमार विश्वकर्मा, उपसचिव अनंत सयनम, कानूनी सलाहकार अधिवक्ता सिकंदर ठाकुर आदि शामिल थे।