Chaibasa. चाईबासा में 3 दिवसीय पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की कला और संस्कृति ‘OCTAVE 25’ महोत्सव का गुरुवार को भव्य समापन हो गया. समापन समारोह में चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, एसडीपीओ बहामन टुटी, जिला पर्यटन पदाधिकारी रूपा रानी तिर्की सहित संगीत नाटक अकादमी अवार्डी छऊ गुरु तपन कुमार पटनायक सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे.
25 से 27 मार्च तक चले इस आयोजन में असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के 152 से अधिक कलाकारों ने अपने पारंपरिक संस्कृति की प्रस्तुतियां दीं. महोत्सव के आखिरी दिन मणिपुर का ढोल चोलम, पुंग चोलम और बसंत रास, असम का बिहू नृत्य, त्रिपुरा का होजागीरी, नागालैंड का नजाता, अरुणाचल प्रदेश का गास्यो स्यो नृत्य, मिजोरम का चेराव नृत्य और सिक्किम का तामाङ सेलो जैसे अनूठे नृत्य रूपों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. महोत्सव का ग्रैंड फिनाले विशेष आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें आठों राज्यों के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया. पारंपरिक वेशभूषा, लोकसंगीत और नृत्यशैली ने दर्शकों को पूर्वोत्तर की सांस्कृतिक विविधता से परिचित कराया.
पूर्व क्षेत्र संस्कृतिक केंद्र कोलकाता के निदेशक आशीष कुमार गिरि ने कहा कि पहले यह कार्यक्रम बड़े-बड़े शहरों में हुआ करते थे। झारखंड के कोल्हान में इस कार्यक्रम को आयोजित करने का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वोत्तर राज्यों का कला का प्रचार प्रसार करना है। आयोजन की सफलता में झारखंड राज्य के पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन का विशेष योगदान रहा.