Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिले में नाबालिग बच्चों की तस्करी से जुड़ा एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शिक्षा दिलाने के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को बहला-फुसलाकर नेपाल ले जाकर बेचने की साजिश का खुलासा हुआ है। प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नेपाल के काठमांडु (भक्तपुर) स्थित एक संस्थान से 06 नाबालिग बच्चों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 11 नवंबर 2025 को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम रांगामाटी के कुल 11 नाबालिग बच्चों को मुण्डा राम जोन्को एय नारायण कांडेयांग, निवासी मटकमहातु (खूँटपानी) द्वारा षड्यंत्र के तहत शिक्षा दिलाने के बहाने नेपाल (काठमांडु) भेजा गया था। इस दौरान दो नाबालिग किसी तरह वहां से भागकर अपने घर लौट आए, जिसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।

इसके पश्चात 09 दिसंबर 2025 को ग्राम रांगामाटी निवासी सालुका बोयपाई (32 वर्ष) ने अहतु थाना में लिखित आवेदन देकर आरोप लगाया कि उनके नाबालिग पुत्र सहित गांव के अन्य 10 बच्चों को नेपाल ले जाकर बेच दिया गया है। आवेदन के आधार पर अहतु थाना कांड संख्या 05/25 दर्ज किया गया, जिसमें BNS की धारा 143(1), 143(5), 137(1)(a) एवं 61 के तहत नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
नेपाल से बच्चों का सुरक्षित रेस्क्यू
उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम के निर्देश पर एक विशेष छापामारी दल का गठन किया गया। टीम ने नेपाल प्रशासन से समन्वय स्थापित कर काठमांडु के भक्तपुर स्थित ‘नामोबुद्धा मेडिटेशन एवं एजुकेशनल संस्थान’ से 06 नाबालिग बच्चों को विधिवत रेस्क्यू किया। सभी बच्चों को सुरक्षित भारत लाकर उनके परिजनों को सौंप दिया गया है।
अभियुक्तों की तलाश जारी
पुलिस के अनुसार, इस कांड में संलिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी की जा रही है। शेष बच्चों के संबंध में भी जांच तेज कर दी गई है।
ये अधिकारी थे शामिल
विशेष छापामारी टीम में बहामन टुटी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर चाईबासा, उपेन्द्र कुमार, अंचल अधिकारी, सदर चाईबासा, विनोद कुमार, थाना प्रभारी, मुफ्फसिल थाना, मिथुन कुमार, मुफ्फसिल थाना, दशरथ जामुदा, पाण्ड्राशाली ओपी, मो. इमरान, चाइल्ड लाइन, चाईबासा व अन्य अधिकारी शामिल थे।
