Saraikela (सरायकेला) : न्याय को जन-जन तक सुलभ बनाने और लंबित मामलों के त्वरित निपटारे के उद्देश्य से शनिवार को सरायकेला जिला व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह ने किया। न्यायाधीश रामाशंकर सिंह ने कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके 7 चयनित छात्रों को स्वयं अपने हाथों से नियुक्ति पत्र वितरित किए। यह कदम न केवल न्यायपालिका की सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
लोक अदालत के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय परिसर में कई विशेष बेंचों का निर्माण किया गया था। इन बेंचों में सुबह से ही संबंधित मामलों पर त्वरित गति से सुनवाई और निपटारे का कार्य शुरू हो गया, जिससे वादियों को जल्द न्याय मिल सका। विभिन्न कानूनी श्रेणियों के मामलों—जैसे मोटर दुर्घटना दावा, चेक बाउंस, वैवाहिक विवाद और बैंक ऋण संबंधित मामले—पर आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से तत्काल फैसला लिया गया।
इस पूरे आयोजन में न्यायालय के सभी न्यायिक पदाधिकारी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रामाशंकर सिंह ने लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के लिए वरदान है, जहाँ बिना किसी खर्च और लंबी प्रक्रिया के न्याय मिलता है। उन्होंने सभी पक्षकारों से अपील की कि वे मध्यस्थता और समझौते के इस मंच का अधिकतम लाभ उठाएँ। यह राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय और सामाजिक उत्थान के समन्वय का एक सफल उदाहरण है।