सरायकेला-खरसावां।
जिले में नव पदस्थापित 292 सहायक आचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया अब गंभीर विवादों के घेरे में आ गई है। मंगलवार को बड़ी संख्या में नवनियुक्त शिक्षक जिला समाहरणालय पहुंचे और शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि स्कूल आवंटन प्रक्रिया में मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और सरकारी गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया गया है।
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प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने उपायुक्त (DC) और जिला शिक्षा अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि पदस्थापन में निर्धारित नियमों की अनदेखी की गई है। नियमों के अनुसार, पुरुष शिक्षकों को उनके गृह प्रखंड में तथा महिला शिक्षकों को मुख्य सड़क के समीप या सुलभ यातायात वाले विद्यालयों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी।
इसके विपरीत, कई महिला शिक्षकों को उनके निवास स्थान से 60 से 70 किलोमीटर दूर दुर्गम क्षेत्रों में पदस्थापित कर दिया गया है, जिससे उन्हें प्रतिदिन आवागमन में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि इस अव्यवस्थित आवंटन से न केवल उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होगी, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ी हैं।
इस मामले ने अब राजनीतिक रूप भी ले लिया है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) ने शिक्षकों की मांगों का समर्थन करते हुए प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। सरायकेला विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी एवं युवा नेता प्रेम मार्डी ने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन को शिक्षकों के साथ न्याय करना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकारी गाइडलाइन के अनुरूप स्कूल आवंटन में शीघ्र सुधार नहीं किया गया, तो पार्टी शिक्षकों के अधिकारों के लिए आंदोलन को और तेज करेगी। वर्तमान पदस्थापन सूची में व्याप्त विसंगतियों के कारण शिक्षकों में मानसिक तनाव और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है।
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