Jagnnathpur (जगन्नाथपुर) : भूमि अधिग्रहण, पेसा कानून लागू करने, तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण, मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने, 5वीं अनुसूची लागू करने, आदिवासियों के धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों के साथ हुई छेड़छाड़ एवं अन्य विभिन्न मुद्दों को लेकर विभिन्न आदिवासी सामाजिक संगठनों ने बुधवार को पूरे जगन्नाथपुर में चक्का जाम कर दिया. हालांकि दुकान खुली रही पर मोटरसाइकिल छोड़कर छोटी बड़ी बहनों को जाने नहीं दिया गया.
इसे भी पढ़ें : Kolhan Band : आदिवासी संगठनों का कोल्हन बंद, सभी मुख्य सड़कों पर उतरे लोग, टायर जलाकर सड़कों की किया जाम
जगन्नाथपुर मुख्य बस स्टैंड में आदिवासी संगठन द्वारा वाहनों को रोक दिया गया है. चारो और आने वाले मुख्य चौक पर सभी रास्ते को बांस आदि का उपयोग कर सड़कों को जाम कर दिया गया. वही बंद के कारण कोई बस नही चलीं. जिस कारण से यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. मोटरसाईकिल छोड़कर सभी छोटे बड़े वाहन जाम में फंसे रहे. यह बंद समर्थकों ने सुबह से ही सड़क पर उतर गए थे और सभी सड़कें बन्द कर दी थी.
जगन्नाथपुर में आदिवासी हो समाज महासभा के जगन्नाथपुर अनुमंडल अध्यक्ष समियल लागुरी ने बताया कि तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण कर सड़क बनाए जाने का आदिवासी समाज पर जोर विरोध करता है. विकास के नाम पर आदिवासियों की जमीन हड़पना नहीं चलेगा. जमीन व जल जंगल जमीन को बचाने के लिए पांचवी अनुसूची लागू करवाना जरूरी है. लेकिन राज्य व केंद्र सरकार पेसा कानून को लागू नही कर रहे हैं. तीतरबिला गांव में जिला प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण करने को लेकर ग्रामीणों के साथ हुए मारपीट के विरोध में आज कोल्हान बंद किया गया है.
मौके पर बंद समर्थन में मुख्यरुप से आदिवासी हो समाज महासभा के जगन्नाथपुर अनुमंडल अध्यक्ष समियल लागुरी,प्रखंड अध्यक्ष सुर्दशन लागुरी,जुनेश पुर्ती, (कोल्हान आदिवासी अधिकार मंच अध्यक्ष) झारंखड अंदोलनकारी नवाज हुस्सेन, मानकी कामिल केराई,जगन्नाथपुर मुंडा विकास महापत्रो, जितुंगढ़ा मुंडा सोमनाथ सिंकु, संग्राम सिंह, मनोज तुबिड़, धुनाराम हेस्सा, दिनेश सिंकु, सुरेद्र सिंकु, ईश्वर सिंकु, जेना बोबोंगा, विवेक लागुरी, जयसिंह लागुरी, अजय सिंकु, संजय सिंकु, मंगल सिंह सिंकु, आदिवासी सेंगल अभियान प्रखंड अध्यक्ष उपेंद्र सुंडी, अजय सिंकु सहित काफी संख्या में विभिन्न संगठन के लोगों उपस्थित थे.
इसे भी पढ़ें : http://Saraikela Band: आदिवासी संगठन के कोल्हन बंद का दिख रहा असर, सरायकेला-टाटा सड़क, बाज़ार हुए बंद