Jaintgarh (जैंतगढ़) : झारखंड में एक बार फिर टेट विसंगति का मुद्दा पारा शिक्षकों के लिए गंभीर संकट बनकर सामने आया है। शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में जारी आदेश से लगभग तीन हजार से अधिक विसंगति पारा शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। विभाग ने अब ऐसे पारा शिक्षकों को टीईटी पास मानने से इनकार करते हुए उन्हें केवल प्रशिक्षित पारा शिक्षक के मानदेय पर भुगतान करने का निर्देश दिया है।
फिर निकला टेट विसंगति का जिन्न, पारा शिक्षकों में हड़कंप
इस फैसले के बाद विसंगति पारा शिक्षकों के मानदेय में 20 से 25 प्रतिशत तक कटौती तय मानी जा रही है, जिससे प्रत्येक शिक्षक को 4 से 5 हजार रुपये प्रतिमाह का नुकसान होगा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कई पारा शिक्षक ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति कक्षा 6 से 8 में हुई थी, लेकिन उन्होंने कक्षा 1 से 5 का टीईटी पास किया है। वहीं, कुछ ऐसे शिक्षक भी हैं जिनकी नियुक्ति कक्षा 1 से 5 में हुई और उन्होंने कक्षा 6 से 8 का टीईटी उत्तीर्ण किया है। इसी विसंगति को लेकर वर्षों से विवाद चला आ रहा है।
वर्ष 2023 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्व. जगन्नाथ महतो और तत्कालीन एसपीडी किरण पासी के प्रयास से इस समस्या का समाधान किया गया था। उस समय महाधिवक्ता, विधि विशेषज्ञ और माननीय उच्च न्यायालय से परामर्श के बाद आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया गया था कि जिस श्रेणी का टीईटी पारा शिक्षक ने पास किया है, उसी श्रेणी के अनुसार उसे टीईटी पास मानदेय दिया जाएगा।
पुराने आदेश को पलटने से आक्रोश
अब झारखंड शिक्षा परियोजना के वर्तमान एसपीडी द्वारा जारी नए पत्र में उक्त आदेश को पलटते हुए टीईटी पास मानदेय पर रोक लगा दी गई है। इससे पारा शिक्षकों में गहरा आक्रोश है। शिक्षक इसे स्व. जगन्नाथ महतो के प्रयासों और उनकी स्मृति का अपमान बता रहे हैं।
पारा शिक्षक यह सवाल उठा रहे हैं कि जब यही विसंगति 2014–15 में सहायक शिक्षक बहाली और 2025 में सहायक आचार्य नियुक्ति में मान्य रही, तो अब केवल बचे हुए पारा शिक्षकों पर कार्रवाई क्यों?
नेताओं की प्रतिक्रिया
पारा शिक्षक नेता शंकर गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह अन्यायपूर्ण है और पूर्व में हुए समाधान को दरकिनार करता है।
वहीं, अगवा नेता दीपक बेहरा ने कहा कि सरकार पहले ही हजारों विसंगति शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति दे चुकी है, ऐसे में चयनात्मक कार्रवाई भेदभाव को दर्शाती है।

भाजपा के पूर्व मंत्री व सह प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गगराई ने आरोप लगाया कि सरकार में अफसरशाही हावी है। उन्होंने कहा कि एक एसपीडी आदेश जारी करता है और दूसरा उसी आदेश को पलट देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पारा शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ, तो भाजपा सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी।
अब आगे क्या
फिलहाल विसंगति पारा शिक्षक असमंजस में हैं और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
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