Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम विकास के नाम पर जब किसी का आशियाना उजड़ने लगे, तो विरोध होना स्वाभाविक है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर प्रखंड में प्रस्तावित 38 करोड़ रुपये की सड़क चौड़ीकरण योजना ने बोडदा गांव के ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। उलीडीह मोड़ से चैनपुर चौक होते हुए चार मोड़ तक लगभग 14 किलोमीटर लंबी सड़क के चौड़ीकरण को लेकर जारी भू-अर्जन नोटिस के बाद गांव में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है।
47 घरों पर मंडराया उजड़ने का खतरा
जिला भू-अर्जन विभाग की ओर से जारी नोटिस में सड़क के मध्य से दोनों ओर 26-26 फीट जमीन अधिग्रहण की बात कही गई है। इस प्रक्रिया की जद में बोडदा गांव के 47 ग्रामीणों के घर आ रहे हैं। नोटिस मिलते ही ग्रामीणों में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसे स्वीकार करने से साफ इनकार कर दिया।
मुखिया के नेतृत्व में सड़क पर उतरे ग्रामीण
गांव के मुखिया साहेब हेंब्रम के नेतृत्व में ग्रामीण सड़क पर उतर आए और सरकार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि मौजूदा योजना के तहत जमीन ली गई, तो पूरा गांव उजड़ जाएगा।
“विकास चाहिए, बेघर होना नहीं”
ग्रामीणों ने भावुक शब्दों में कहा कि उन्होंने अपनी पूंजी और जीवन भर की कमाई लगाकर घर बनाए हैं। वे विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन ऐसा विकास स्वीकार्य नहीं जो सिर से छत छीन ले। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि सड़क निर्माण के लिए बाईपास मार्ग का विकल्प अपनाया जाए, ताकि विकास भी हो और गांव भी सुरक्षित रहे।
आंदोलन की चेतावनी
ग्रामीणों ने घोषणा की है कि जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से मुलाकात करेगा। यदि प्रशासन ने कोई व्यावहारिक समाधान नहीं निकाला, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।




