Chaibasa:- 1932 खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को लेकर मझगांव प्रखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैठक की. इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से बयान जारी किया.
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जो मुद्दा उठाए हैं उसका भरपूर हम सभी लोग समर्थन करते हैं. 1932 के खतियान का हम लोग विरोध नहीं करते हैं बस यह मांग कर रहे हैं कि अंतिम सर्वे1964-65 सेटेलमेंट को शामिल किया जाए.
विनोद संवैया अपने आपको मधु कोड़ा के पूर्व सांसद प्रतिनिधि बता रहे हैं, वर्तमान में कांग्रेस में कोई सक्रियता नहीं है, ना ही कांग्रेस पार्टी में कोई पदाधिकारी हैं. सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बयान बाजी कर रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा हमेशा से आदिवासी मूलवासी का हित का समर्थन किया है. अपने मुख्यमंत्री के कार्यकाल में परिसीमन के मुद्दे पर 28 एसटी सीट में से घटकर 22 होने वाली थी और 6 आदिवासी सीट बिलुप्त हो रही थी. जिसमें से एक st सांसद सीट भी लुप्त हो रही थी. मझगांव विधान सभा के चारों प्रखंड जगन्नाथपुर में शामिल हो रही थी और मझगांव विधानसभा का अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर थी. तत्कालीन मधु कोड़ा के कैबिनेट ने झारखंड में परिसीमन लागू होने नहीं दिया इससे यह प्रतीत होता है कि हमारे नेता पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा आदिवासी और मूलवासी के हित से समझौता नहीं करने वाले हैं.