Chaibasa : दसमेश पिता सर्व॔शदानी श्री गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश परब गुरूद्वारा नानक दरबार में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। सोमवार को श्री गुरू गुरू ग्रंथ साहिब जी का श्री अखंड पाठ आरम्भ हुआ और सम्पूर्णता प्रकाश परब के दिन बुधवार को हुई।
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श्री गुरू सिंह सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने समुह साध संगत को प्रकाश परब की लख लख बधाईयाँ देते हुए कहा कि हम जो आज सिक्खी स्वरूप में नजर आ रहे हैं वो श्री गुरु गोविंद सिंह जी की ही देन है।
अन्याय एवं जोर जुल्म के विरुद्ध और धर्म की रक्षा के लिए उनके पिता नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी ने दिल्ली के चांदनी चौक में अपनी शहादत दी थी। वहाँ आज विशाल एवं भव्य धार्मिक गुरुद्वारा शीशगंज साहिब मौजूद है।
श्री गुरु गोविंद सिंह जी के दोनों छोटे साहिबजादे फतेह सिंह एवं जोरावर सिंह ने जबरन धर्म परिवर्तन को अस्वीकार किया। परिणाम स्वरूप उन्हें जिन्दा दिवाल में चुनवा दिया गया था और दो साहिबजादो ने एवं माता जी ने भी अन्याय का डटकर मुकाबला किया और धर्म की रक्षा की खातिर अपनी शहादतें दी।
जमशेदपुर से आए कीर्तनी जत्था हरिशरण सिंह जी,अमृत कौर एवं ओंकार सिंह ने अपनी मधुर आवाज एवं कर्णप्रिय साजों की धुन पे गुरुवाणी के शब्द कीर्तन से साध संगत का मन मोह लिया।
तही प्रकाश हमारा भयो
पटना शहर विखे भव लयो
जमशेदपुर से आए ग्रंथी प्रताप सिंह जी ने श्री गुरू गोविंद सिंह जी जीवनी के बारे में जानकारी दी।
अंत में गुरूद्वारा के ग्रंथी बलदेव सिंह जी के द्वारा अरदास की गई कि वाहेगुरू जी इस नये साल में सभी को स्वास्थ्यमय जीवन दे। रूंगटा परिवार एवं सभी दान दाताओं को चड़दी कला में रखे।
प्रसाद एवं लंगर वरताया गया जिसका आनंद सभी धर्मावलम्बियों ने लिया। प्रकाश परब के सफल आयोजन में श्री गुरू सिंह सभा, स्त्री सत्संग सभा एवं विशेष करके युवा खालसा के सदस्यों की अहम भूमिका रही।