Saraikela:पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन भले ही पहचान दिलाने वाली पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़ राष्ट्रीय पार्टी भाजपा में शामिल है। लेकिन सरायकेला जिले में अब भी झारखंड मुक्ति मोर्चा नेताओं का चंपाई प्रेम कम नहीं हुआ है।
इस बात की बानगी तब देखने को मिली जब झारखंड मुक्ति मोर्चा सरायकेला खरसावां के जिला अध्यक्ष डॉ
शुभेंदु महतो सोशल मीडिया पर चंपाई सोरेन के पुतला जलाए जाने संबंधित तस्वीरें पोस्ट करते हैं लेकिन पूरे पोस्ट में एक बार भी चंपाई सोरेन का जिक्र नहीं है। जबकि इन्होंने केवल भाजपा एवं उसके नेताओं का जिक्र मात्रा किया है। जिससे यह साफ हो रहा है कि जिला अध्यक्ष का या तो चंपाई प्रेम कायम है, या वे अपने पूर्व आदरणीय नेता का नाम जुबा पर लाना नहीं चाहते। इसके ठीक विपरीत भाजपा छोड़ झामुमों में शामिल हुए गणेश महाली ने सरायकेला गैरेज चौक में चंपाई सोरेन के पुतला जलाए जाने की जो सोशल मीडिया फेसबुक पर पोस्ट की है, उसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को खरी खरी सुनाई गई है। झामुमो के पूर्व सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे गणेश महाली ने अपने फेसबुक में पोस्ट किया है….


आज सरायकेला (ग्रेज चौक) में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा जिला अध्यक्ष Dr-Shuvendu Mahato जी के नेतृत्व में आयोजित पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल होकर भोगनाडीह घटना के षडयंत्रकारी भाजपा नेता सह स्थानीय विधायक चम्पाई सोरेन का पुतला दहन किया।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पिछले 35 साल से सरायकेला का विधायक और झारखंड के विभिन्न सरकार में 15 साल कल्याण मंत्री, एक बार मुख्यमंत्री रहे, जब इनको सत्ता मिला तो आदिवासियों का विकास नहीं कर पाए और अब कह रहें, आदिवासियों का विकास नहीं हुआ, इसका जिम्मेवार वे खुद है।
आदिवासियों को आपस में लड़ना चंपई सोरेन की सोची समझी साजिश है चंपई सोरेन कभी नहीं चाहते आदिवासियों का विकास हो। चंपई सोरेन हूल दिवस के पवित्र दिन को राजनीतिक षडयंत्र रच के कलंकित करने का काम किया है जो आदिवासी समाज कभी माफ नहीं करेगा।
मैं आदिवासी समाज के भाई बहनों से निवेदन करना चाहूंगा कि आपका अपना भाई, आपका बेटा राज्य के लोकप्रिय मुख्यमंत्री आदरणीय हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली अबुआ सरकार के शासन में ही आदिवासियों को पहचान मिलेगा और विकास होगा।( गणेश महाली के फेसबुक वॉल से).
चंपाई के गढ़ में पुतला जलाकर दोनों नेताओं ने जो पोस्ट की है उसे साफ होता है कि एक ही पार्टी में रहने के बावजूद इनके अलग-अलग सुर हैं। हालांकि इस मामले में जिला अध्यक्ष शुभेंदु महतो ने कहा है कि पुतला दहन कार्यक्रम भाजपा नेताओं एवं पूर्व मुख्यमंत्री का किया गया है।