आदित्यपुर। ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में रह रहे 216 परिवारों को मालिकाना हक दिलाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है। इसी मुद्दे को लेकर आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 29 की दिवंगत पार्षद राजमणि देवी के पुत्र मनमोहन सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विभागीय मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से मुलाकात की। उन्होंने इन परिवारों को किराया-खरीद समझौता (Hire Purchase Agreement) के तहत स्थायी अधिकार देने की मांग दोहराई।
मनमोहन सिंह ने बताया कि वर्ष 1980 में झारखंड राज्य आवास बोर्ड ने आदित्यपुर में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 216 आवास आवंटित किए थे। तब से लगभग 45 वर्षों से ये परिवार यहां रह रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल सका है। इसके उलट इसी क्षेत्र में स्थित एस-टाइप, आई-टाइप, आर-टाइप, ओल्ड एम-टाइप और जनता फ्लैट के लाभुकों को बोर्ड पहले ही Hire Purchase Agreement के माध्यम से स्वामित्व दे चुका है। यही अधिकार ईडब्ल्यूएस परिवार भी वर्षों से मांग रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पहले भी विभागीय मंत्री ने इस संबंध में कार्रवाई का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका। इसी बीच, विभाग ने अचानक कॉलोनी में सर्वे शुरू कर दिया, जिससे लोगों में डर और असमंजस की स्थिति है। स्थानीय अखबार में एक खबर छपी कि लाभुकों को एक सप्ताह में 5.50 लाख रुपये जमा करने का नोटिस दिया गया है, लेकिन कॉलोनी के किसी भी परिवार को ऐसा नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है।
मनमोहन सिंह ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि ईडब्ल्यूएस कॉलोनी के सभी परिवार गरीब और निम्न आय वर्ग से आते हैं, जो किसी नए पुनर्विकास मॉडल की भारी लागत नहीं उठा सकते। इसलिए इन्हें भी पूर्व आश्वासनों के अनुसार Hire Purchase Agreement के तहत मालिकाना हक प्रदान किया जाए।
मुलाकात के दौरान इचागढ़ विधायक सविता महतो और झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलू महतो भी मौजूद थे।


