Adityapur (आदित्यपुर) नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 14 में पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है। पूर्व पार्षद बरजो राम हांसदा ने बड़े भाई दारा माझी की जमीन पर बिना वन विभाग की अनुमति के आधा दर्जन से अधिक हरे-भरे पेड़ों को काटे जाने का आरोप लगा है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, जिस जगह पर चारदीवारी का कार्य शुरू किया गया है, वहीं पहले कई पुराने और घने पेड़ मौजूद थे, जिन्हें काट दिया गया। घटना की जानकारी मिलते ही बीते शनिवार को वन विभाग के देवेंद्र टुडू जांच के लिए मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान यह पुष्टि की गई कि पेड़ काटने के लिए किसी भी प्रकार की एनओसी जारी नहीं की गई थी। अधिकारी ने स्पष्ट कहा कि यह कार्रवाई भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 33 का उल्लंघन है।
मामला और गंभीर तब हो गया जब लोगों ने आरोप लगाया कि पेड़ों को काटने के बाद उनके बड़े-बड़े गट्ठों को जमीन में गाड़ दिया गया, ताकि सबूत न मिल सके। वन विभाग के बीट ऑफिसर सुब्रत मजूमदार ने बताया कि नियमों के अनुसार काटे गए सभी वृक्षों को वहीं सुरक्षित रखना आवश्यक है। यदि कोई इन्हें हटाता है या उपयोग में लाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

सरकारी जमीन घेरने का आरोप
चारदीवारी निर्माण के दौरान एक दूसरा विवाद भी सामने आया है। आरोप है कि मांझी टोला चांदनी चौक से सटे खाता संख्या 48, खेसरा संख्या 88 और 91 की 20 डिसमिल जमीन में निर्माण करते समय पीछे की ओर स्थित सरकारी भूमि को भी घेरने की कोशिश की जा रही है। यह भूमि सरकारी खाते में दर्ज है। स्थानीय लोगों ने इस मामले की भी जांच की मांग की है।
पूर्व पार्षद बोले— झूठे आरोप, चुनावी साजिश
सभी आरोपों को खारिज करते हुए पूर्व पार्षद बरजो राम हांसदा ने कहा कि यह जमीन उनके बड़े भाई दारा मांझी के नाम पर विधिवत दर्ज है और उसका रिकॉर्ड भी वॉल्यूम 2 में साफ-साफ मौजूद है। उन्होंने कहा कि उनकी बढ़ती लोकप्रियता और आगामी वार्ड चुनाव को देखते हुए विपक्षी परेशान हैं और उन्हें बदनाम करने के लिए बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं।
पूर्व पार्षद ने स्पष्ट कहा कि वे किसी भी प्रकार की जांच के लिए पूरी तरह तैयार हैं और सच जल्द सामने आ जाएगा।
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