Chaibasa (चाईबासा) : माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा Civil Appeal No. 1385/2025 एवं अन्य में पारित आदेश से 20-30 बर्षों की सेवा कर चुके झारखण्ड के लगभग तीस हजार शिक्षकों सहित देश के लाखों शिक्षकों की सेवा समाप्त होने एवं प्रोन्नति से वंचित रहने की समस्या के समाधान हेतु आवश्यक पहल के लिए अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ पश्चिमी सिंहभूम ने उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है.
संघ के महासचिव असीम कुमार सिंह ने बताया कि संसद द्वारा अधिनियमित आर टी ई कानुन 2009 के आलोक में एन सी टी ई की अधिसूचना संख्या 24/2017 के पैरा-4 एवं भारत सरकार के अन्य आदेशों के प्रतिकुल 1.9.2025 को माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील संख्या 1385/2025 में पारित प्रतिकुल आदेश से झारखण्ड सहित देश के लाखों शिक्षकों की प्रोन्नति और सेवा खतरे में आ गई है. इस निमित माननीय प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को तथ्यों से अवगत कराते हुए विशेष कदम उठाने की अपील की गई है.
महासचिव ने बताया कि पारित न्यायादेश के अनुसार निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 के तहत शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित न्यूनतम अहर्ता निर्धारण तिथि 23.8.2010 से पूर्व के नियुक्त सेवारत शिक्षकों के लिए भी टी ई टी उतीर्ण करने की अनिवार्यता की गई है. उक्त के आलोक में टी ई टी उतीर्ण नहीं करने की स्थिति में शिक्षकों को न सिर्फ प्रोन्नति से वंचित रहना पड़ेगा बल्कि उन्हें सेवामुक्त भी कर दिया जाएगा जो न्यायसंगत नहीं है. उक्त न्यायादेश से असहमति होने के तथ्य में संघ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि एन सी टी ई द्वारा 23.8.2010 में जारी के अधिसूचना में टी ई टी उतीर्णता को रखा गया है परंतु इसी अधिसूचना के पैरा-4 में पूर्व के नियुक्त सेवारत शिक्षकों को इससे मुक्त रखा गया है जिसे न्यायादेश में ओवरलुक कर दिया गया है. इसके अलावे निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम (संशोधित) 24/2017 में भी 23.8.2017 से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को टी ई टी उतीर्णता की अधिसूचना से ही मुक्त किया जा चुका है. जिला महासचिव ने कहा कि एन सी टी ई ने भी सर्वोच्च न्यायालय में समर्पित शपथपत्र में भी उक्त बिंदुओं को स्पष्ट किया है.
मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन में संगठन ने झारखण्ड के लगभग तीस हजार शिक्षकों की सेवा संरक्षित रखने तथा उनकी वरीयता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए विधायिका की प्रदत व्यवस्था के प्रतिकुल पारित उक्त न्यायादेश के विरुद्ध सरकार के स्तर से पुनर्विचार याचिका दायर करने का अनुरोध किया है. साथ ही देश के प्रधानमंत्री से देश के लाखों शिक्षकों की सेवा संरक्षित करने हेतु यथोचित समीक्षा करने के निमित आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
समाहरणालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपने वालों में महासचिव के अलावे अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ, कोल्हान प्रमण्डल के अध्यक्ष अजय साहू, जिला अध्यक्ष उपेंद्र सिंह के अलावे काफी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थीं.