Chaibasa (चाईबासा) : राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव को लेकर शहर में विशेष हलचल देखी जा रही है. जिन समस्याओं की ओर शहर के माननीय कहलाने वाले लोग चर्चा तक करना मुनासिब नहीं समझते थे. ऐसे लोग अब मुद्दों को पकड़ना शुरू कर चुके हैं.
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चाहे मामला लीज नवीकरण को लेकर गिने-चुने लोगों के बीच बैठकों का आयोजन, खेल प्रतिस्पर्धाओ के आयोजन, जरूरतमंदों के बीच भोजन का वितरण, कंगाली भोजन, पशुओं का संरक्षण, हक का अधिकार के लिए कार्यक्रमों का आयोजन, चौक चौराहो में अपनी कथित करनी को लेकर फ्लेक्स बैनर के माध्यम से तस्वीर रूपी आवरण का अधिष्ठापन, कुत्ते – बिलाई के ऊपर हो रहे उत्पीड़न, आदि के मुद्दे सामने आ रहे हैं.
नगर निकाय चुनाव को लेकर होली मिलन समारोह के नाटक आदि भी रंगमंच के कलाकारों को फेल कर रहे हैं. मगर इन सब के बीच शहर के लोगों के बीच चाईबासा शहर की महत्वाकांक्षी योजना जो शहरी जिला आपूर्ति योजना के तहत अभी तक जरूरतमंदों को किस कारण से पूर्ण रूपेण पेयजल की आपूर्ति का कनेक्शन नहीं दिया गया. जर्जर सड़क व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, अंचल कार्यालयो में व्याप्त भ्रष्टाचार, शिक्षा के अधिकार आदि मामलों के तहत एक भी आवाज उठाई नहीं गई. इस पर व्यापक रूप से चर्चा हो रही है.
वहीं दूसरी और नगर निकाय चुनाव में बासी खाना खिलाने वाले, ठेकेदारी के चक्कर में दलाली की पराकाष्ठा पार करने वाले, शहर के स्वयंभू करताधर्ता, कथित दबंग ठेकेदार, पूर्व के कालखंड में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ रात्रि में अभद्र व्यवहार करने वाले नेताजी, सूदखोरी, ब्याजखोरी एवं हरा…. करने वाले कुछ सफेद पोश लोग नगर निकाय चुनाव लड़ने को लेकर कमर कस चुके हैं.
इसको लेकर बाकायदा चेला चामुंडाओ की कथित मंडली को शहर में छोड़ दिया गया है. जो चौक चौराहों में अपने नगर निकाय चुनाव लड़ने वाले नरक भोगियों का उत्साह वर्धन गरिमामय गाथा गाकर लोगों को लुभा रहे हैं. इन सबसे परे नगर निकाय चुनाव में शहर में कुछ बुद्धिजीवी एवं सामाजिक लोगों के भी चुनाव लड़ने की उम्मीद जताई जा रही है जो शहर के विकास पुरुष साबित हो सकते हैं.
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