Chaibasa (चाईबासा) : पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता श्री अर्जुन मुंडा ने आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होकर प्रेस वार्ता की. उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए, विशेष रूप से पेसा कानून, नई शराब नीति, भूमि मोटेशन में देरी, और स्थाई कोल्हान आयुक्त के पद पर अस्थायी नियुक्ति को लेकर अपनी नाराजगी प्रकट की.

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पेसा कानून के तहत राज्य मिले, लेकिन पंचायत को नही मिला अधिकार :
अर्जुन मुंडा ने कहा कि पंचायत चुनाव उनके कार्यकाल में संपन्न हुए, परंतु आज तक पंचायतों को उनका वास्तविक अधिकार नहीं दिया गया है. पेसा कानून के तहत राज्यों को अधिकार तो मिले हैं, लेकिन पंचायतों को अधिकार देने में राज्य सरकार रूचि नहीं ले रही. उन्होंने कहा कि परंपरागत एवं रूढ़िवादी व्यवस्था को सशक्त करने हेतु पेसा नियमावली शीघ्र बनाई जाए, जिससे आदिवासी समाज को उसका अधिकार मिल सके.
नई शराब नीति पर कड़ा प्रहार:
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार केवल राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से पंचायत क्षेत्रों में शराब बिक्री का लाइसेंस दे रही है, जो न केवल अनुचित है बल्कि सामाजिक विघटन को भी बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने पूछा क्या ग्रामीण इलाकों में जहरीली शराब से हो रही मौतों का कोई जवाब राज्य सरकार के पास है. उन्होंने मांग की कि लाइसेंस प्राप्त दुकानों से ही शराब की बिक्री हो, ताकि अवैध शराब पर नियंत्रण हो.
नही हो सकी भूमिहीनों और विस्थापितों की सूची :
उन्होंने कहा कि आज भी भूमिहीनों और विस्थापितों की सूची तैयार नहीं हो पाई है, जिससे विकास योजनाएं ठप हैं और लाभार्थी वंचित हैं. यह सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है.
मोटेशन और प्रशासनिक लापरवाही:
मोटेशन की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की जा रही है. साथ ही कोल्हान प्रमंडल में स्थायी आयुक्त की नियुक्ति न करके, सरकार स्थानीय प्रशासन को कमजोर कर रही है.
