Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में थैलेसीमिया से जूझ रहे एक मासूम को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने के गंभीर मामले ने राज्य सरकार को सख्त कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तत्काल प्रभाव से चाईबासा के सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो कुमार माझी सहित कई जिम्मेदार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।
पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद
सरकार ने घोषणा की है कि इस घटना से प्रभावित सभी बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। गौरतलब है कि मंझारी क्षेत्र के एक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे को ब्लड बैंक से एचआईवी पॉजिटिव रक्त चढ़ाने का आरोप सामने आने के बाद परिवार ने जिला प्रशासन और सरकार से शिकायत दर्ज कराई थी।
चाईबासा में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों का संक्रमित होना अत्यंत पीड़ादायक है।
राज्य में स्थित सभी ब्लड बैंक का ऑडिट कराकर पांच दिनों में रिपोर्ट सौंपने का काम करे स्वास्थ्य विभाग। स्वास्थ्य प्रक्रिया में लचर व्यवस्था किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री श्री…— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) October 26, 2025
पहले भी हुआ था विवाद
स्थानीय जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने बताया कि जिस बच्चे को संक्रमित रक्त चढ़ाया गया, उसकी बुआ के साथ करीब एक साल पहले ब्लड बैंक के कर्मचारी मनोज कुमार ने दुर्व्यवहार किया था। उस मामले में पुलिस केस भी दर्ज हुआ था और यह फिलहाल अदालत में लंबित है।
चार और बच्चे आए जांच के घेरे में
कुंकल का आरोप है कि बदले की नीयत से बच्चे को जानबूझकर संक्रमित रक्त चढ़ाया गया। इस पूरे मामले पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच समिति गठित की। समिति की जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि चार और बच्चों को भी एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई करते हुए दोषी अधिकारियों को सस्पेंड करने का सख्त निर्देश दिया।
http://सदर अस्पताल चाईबासा पर गंभीर आरोप : 7 साल के मासूम को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला

