Chandil : झारखंड में विधान सभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ने के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतावों ने अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ा दी है. इससे वैसे भी नेता शामिल हैं जिनकी क्षेत्र की जनता के बीच भले ही कोई पकड़ न हो, लेकिन बाहरी तामझाम और दिखावा ऐसा की, जैसे वे ही विधायक बनने के रेस में सबसे आगे हैँ.
आज हम ऐसे ही एक नेता की बात कर रहे हैं, जो आते तो हैं तमाड़ क्षेत्र से, लेकिन इस चुनावी माहौल में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में आजकल अपने तामझाम और दिखावा को लेकर चर्चा मे हैँ. जी हाँ, हम बात कर रहे हैं भाजयुमो नेता विनोद राय की. उनका यह तामझाम देखकर क्षेत्र के लोग बोलते नहीं थक रहे हैँ कि बाइक से घूमने वाले इस शख्स के पास मात्र पांच वर्षो में आखिरकार इतनी सम्पत्ति आई कहां से. जो खुद तो महंगी गाड़ियों से घूम ही रहा है, अब इस शख्स ने कार्यकर्ताओ को भी चार पहिया वाहन बतौर उपहार देना शुरू कर दिया है. ताज़ा मामला उनके हाथों दो कार्यकर्ताओ को कार भेंट करने का है.
जानिए आखिर क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि
बता दें कि बीते विधान सभा चुनाव में विनोद राय बतौर झाविमो प्रत्याशी ईचागढ़ विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमा चुके हैं. उस वक्त इन्हें करारी चुनावी हार मिली थी और मात्र 1839 वोट से ही उन्हें संतुष्ट होना पड़ा था. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि भाजपा में फिलहाल वे प्रत्याशी के लिस्ट में तो कहीं से नहीं हैं. फिर चुनावी माहौल में इतना तामझाम दिखाने के पीछे आखिरकार उनकी मंशा क्या है? फिलहाल यह सवाल भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
कहां से आई इतनी सम्पत्ति
उससे भी बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार विनोद राय के पास मात्र पांच वर्षो में इतनी सम्पत्ति आई कहां से? पिछली बार चुनाव आयोग को दी गई जानकारी में विनोद राय ने बताया था कि उनकी कुल सम्पत्ति 20 लाख 67 हजार है. इसमें उनके पास नकद 40 हजार रूपये हैं, जबकि उनकी पत्नी के पास नकद करीब 20 हजार रूपये हैं. उनका बैंक बैलेंस करीब 31 हजार है. उनके पास 26 हजार का एक इंश्योरेंस भी है. उनकी एक टीवीएस अपाचे बाइक करीब 60 हजार की है. करीब 1 लाख 17 हजार के गहने हैं, जबकि करीब 13 लाख की एक क़ृषि योग्य भूमि भी उनके पास है. इसके अलावा हेत विलेज बालालौंग थाना क्षेत्र में 4 लाख 5 हजार की एक रेजिडेंशियल बिल्डिंग है. साथ ही ग्रामीण बैंक से 24 हजार का लोन भी ले रखा है. इस लिहाज से मात्र पांच वर्षो में उनके के पास कोई जादुई शक्ति ही होगी, जिसके बूते वे टीवीएस अपाचे छोड़ अब स्कार्पियो एन और थार जैसी वाहनों से न सिर्फ चलने लगे हैं, बल्कि कार्यकर्ताओ को भी चार पहिया वाहन भेट करने लगे हैं.