Chaibasa (चाईबासा) : झारखंड में अवैध खनन को लेकर सियासत गरमाती दिख रही है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने शनिवार को चाईबासा कचहरी तालाब स्थित कैफेटेरिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नोवामुंडी के अवैध लौह अयस्क उत्खनन प्रकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की और तीखी निन्दा की।
http://पश्चिमी सिंहभूम बना अवैध माइनिंग का अड्डा, प्रशासन और सरकार की चुप्पी खतरनाक: मधु कोड़ा
उन्होंने खुलासा किया कि पांच दिन पूर्व नोवामुंडी पांच नंबर बस्ती में अवैध खनन करते हुए 8 हाईवा ट्रक, 1 जेसीबी मशीन और 1 पेलोडर को उन्होंने रंगे हाथों पकड़वाया था और इसकी सूचना नोवामुंडी थाना को दी थी। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी थाना में प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई।
पुलिस और प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप
मधु कोड़ा ने आरोप लगाया कि खनन विभाग और आरटीओ की मिलीभगत से पूरे मामले को दबाने का प्रयास हो रहा है। स्थानीय प्रशासन भी ऊपर से आए दबाव में कार्रवाई टाल रहा है। उन्होंने कहा कि घटना स्थल थाना से महज 250 मीटर दूर है, बावजूद इसके पुलिस खामोश बैठी रही।
“जनआंदोलन की चेतावनी”
पूर्व मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यदि इस प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे जनता के साथ सड़क पर उतरकर जनआंदोलन करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी – “जल, जंगल और जमीन की लूट किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
ज्ञापन सौंपकर की कार्रवाई की मांग
मधु कोड़ा ने आज ही इस संबंध में जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक, पश्चिमी सिंहभूम को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल प्राथमिकी दर्ज करने और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। साथ ही उन्होंने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराए जाने की भी मांग दोहराई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके साथ भाजपा जिला अध्यक्ष संजय पांडे और प्रताप कटियार महतो भी मौजूद रहे।
झारखंड में अवैध खनन का यह ताजा मामला एक बार फिर सवाल खड़ा करता है कि क्या राज्य में माफिया राज पुलिस और प्रशासन की मिलीभगत से पनप रहा है?

