जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम ने ऑब्जर्वेशन होम एवं बाल सुधार गृह का किया औचक निरीक्षण
बाल सुधार गृह में पाई गई बेहतर व्यवस्था, बच्चों को जानकारीपूर्ण, मनोरंजक गतिविधियों से जोड़ने के दिए निर्देश
Jamshedpur (जमशेदपुर) : जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम शताब्दी मजूमदार द्वारा ऑब्जर्वेशन होम एवं बाल सुधार गृह का औचक निरीक्षण किया गया. इस मौके पर कार्यपालक दण्डाधिकारी चंद्रजीत सिंह एवं सुदीप्त राज उपस्थित रहे. निरीक्षण के दौरान ऑब्जर्वेशन होम का जांच किए जाने पर मोबाइल, बीड़ी, रस्सी, गांजा आदि बरामद किया गया. बरामद सामग्रियों को जप्त कर अनुमंडलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए ऑब्जर्वेशन होम प्रबंधन को कार्यशैली में सुधार लाने को लेकर सख्त निर्देश दिए.
इंट्री गेट पर तैनात गार्ड से की पूछताछ, लगाई फटकार
उन्होंने इंट्री गेट पर भी गार्ड द्वारा बगैर पूछताछ के इंट्री देने पर फटकार लगाई एवं बगैर इंट्री किए किसी को भी परिसर के अंदर नहीं जाने देने के निर्देश दिए. ऑब्जर्वेशन होम परिसर में साफ-सफाई की भी कमी पाई गई. मौके पर मौजूद शिक्षक को उन्होने उपलब्ध संसाधनों के बेहतर रखरखाव व परिसर की नियमित साफ-सफाई हेतु निर्देशित किया. ऑब्जर्वेशन होम प्रबंधन की समस्याओं को भी सुना, उन्होने स्टाफ का कमी बताई जिसपर यथोचित कार्रवाई को लेकर आश्वस्त किया गया. वहीं जप्त सामानों की सूची बनाते हुए नष्ट करने का निर्देश दिया गया.
एसडीओ ने बाल सुधार गृह में बच्चों से संवाद स्थापित कर सकारात्मक जीवन की दी प्रेरणा
अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बाल सुधार गृह का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का अवलोकन किया गया. इस दौरान उन्होने किचन, बच्चों के रूम, परिसर आदि का मुआवना किया. बाल सुधार गृह में 19 बच्चे एवं केयरटेकर मौजूद थे. उपस्थिति रजिस्टर व स्टॉक आदि अपडेट पाया गया, वहीं उपलब्ध अन्य संसाधनों जैसे प्रोजेक्टर के बेहतर इस्तेमाल को लेकर निर्देशित किया गया. बच्चों से संवाद स्थापित कर अनुमंडल पदाधिकारी ने उन्हें जीवन में अपनी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान को लेकर प्रेरित किया. प्रबंधन को प्रोजेक्टर के माध्यम से अच्छी डॉक्यूमेंट्री, फिल्म, जानकारीपूर्ण वीडियो आदि दिखाने के निर्देश दिए जिससे उपलब्ध संसाधन का सही उपयोग हो एवं बच्चों के मन मस्तिष्क पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़े. उन्होने बच्चों की उचित निगरानी के साथ चीजों को व्यवस्थित रखने के भी निर्देश दिए.