Saraikela: झारखंड के सरायकेला- खरसावां जिले में सर्वाधिक कुपोषण शिकार बच्चे हैं .दुखद यह है कि आदिम जनजाति के इन बच्चों की संख्या पूरे झारखंड में केवल सरायकेला खरसावां जिले में ही 23 प्रतिशत है.यह खुलासा हेल्थ सर्वे फैमिली रिपोर्ट भारत सरकार ने किया है.
हेल्थ सर्वे फैमिली रिपोर्ट भारत सरकार द्वारा पेश किए गए रिपोर्ट के मुताबिक सरायकेला- खरसावां जिले में 23 प्रतिशत कुपोषण के शिकार बच्चे हैं. जबकि कोल्हान प्रमंडल अंतर्गत पूर्वी सिंहभूम में 16.8% और पश्चिम सिंहभूम में केवल 13 प्रतिशत ही बच्चे कुपोषित हैं. कुपोषण के विरुद्ध रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा अध्यक्ष मनोज मिश्रा और उनकी टीम लगातार कार्य कर रही है. प्रतिदिन जमशेदपुर और आसपास के क्षेत्र में 2 हज़ार से अधिक लोगों को नि:शुल्क भोजन रोटी बैंक के माध्यम से उपलब्ध हो रहा है. इस संबंध में प्रेस वार्ता आयोजित कर रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा बताया गया कि कुपोषण मामले को लेकर रोटी बैंक लगातार प्रयासरत है. दुख की बात है कि झारखंड में 3 लाख से अधिक बच्चे गंभीर बीमारी के शिकार हैं, जो कहीं ना कहीं कुपोषण के चलते हैं. अध्यक्ष मनोज मिश्रा द्वारा बताया गया कि रोटी बैंक द्वारा गांव को विकसित कर शिक्षा ,स्वास्थ्य और पोषण उपलब्ध कराने के क्षेत्र में कार्य किया जा रहे हैं.
सरायकेला में बढ़ते कुपोषण पर केंद्रीय जनजाति मंत्री की है उदासीनता
सरायकेला- खरसावां जिले में 23 प्रतिशत कुपोषण मामले पर रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज मिश्रा द्वारा बताया गया कि मामले को लेकर केंद्रीय जनजाति मामले के मंत्री अर्जुन मुंडा को भी अवगत कराया गया है. लेकिन अब तक मंत्रालय द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई है. इन्होंने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में विलुप्त होती सबर जनजाति के नारकीय जीवन संबंधित मामले को इन्होंने तत्परता से उठाया है. जिसका नतीजा रहा की राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा जमशेदपुर उपयुक्त मंजूनाथ भजंत्री को नोटिस जारी किया गया है .इन्होंने बताया कि 18 सितंबर को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा नोटिस जारी करते हुए पूर्वी सिंहभूम उपायुक्त को 15 दिन के अंदर व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा अन्य संचार साधन से मामले पर जवाब तलब किया गया है. ऐसा नहीं करने पर आयोग द्वारा उपायुक्त के विरुद्ध अदालत का समन भी जारी हो सकता है।
पूर्वी सिंहभूम के बड़ा बांकी पंचायत में सबर जाति की स्थिति दयनीय
रोटी बैंक चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष मनोज मिश्रा द्वारा बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत जमशेदपुर प्रखंड के बड़ा बांकी पंचायत के बड़ा बांकी ग्राम में सबर जाति के 20 से 25 परिवारों की स्थिति दयनीय हैं. यहां महिला- पुरुष एवं बच्चे कुपोषण एवं एनीमिया से ग्रसित हो रहे हैं. यहां आंगनबाड़ी सेविका के रूप में तैनात महिला माधुरी पाठक लापरवाह होकर कार्य कर रही हैं .जिससे गांव के लोगों को सरकार के योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा. शिकायत पत्र के माध्यम से इन्होंने आयोग को बताया है कि आंगनबाड़ी सहायिका वहां बच्चों को पढ़ाई एवं भोजन उपलब्ध कराने में कोताही बरत रही है. उक्त स्थान पर सरकारी स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण नहीं हो सका है, ऐसे में सहायिका निजी मकान में ही केंद्र का संचालन कर रही है जो गैर जिम्मेदराना है. पूरे मामले को लेकर इन्होंने आयोग को अवगत कराया है