Jaintgarh (जैंतगढ़) : पारा शिक्षक और विभागीय टकराव का चोली दामन का रिश्ता है. पारा शिक्षक हमेशा अपने पर अफसर शाही हावी होने और सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते है. अभी सहायक आचार्य नियुक्ति प्रयोगशाला बन गया है. नियमावली में लीकेज के कारण ये बहाली अब तक का सबसे विवादित हो गया है. इसमें भी सबसे अधिक नुकसान पारा शिक्षक अभ्यर्थियों को हो रहा है.
झारखंड शिक्षा विभाग के एस पी डी ने एक पत्र निर्गत कर टेट पास पारा विसंगति साथियों पर बुलडोजर चला दिया है
क्या है मामला
बहुत से पारा शिक्षक ऐसे है जिनकी नियुक्ति छ से आठ में हुई है और उन्होंने वर्ग एक से पांच श्रेणी का टेट पास किया है. वही बहुत से पारा शिक्षक की नियुक्ति वर्ग एक से पांच में हुई है उन्होंने वर्ग छ से आठ का टेट पास किया है.
पारा शिक्षक नेता शंकर गुप्ता ने बताया इस विसंगति के मामले को तत्कालीन शिक्षा मंत्री स्व जगन्नाथ महतो और एस पी डी किरण पासी के प्रयास से समाधान करते हुए ऐसे पारा शिक्षक जिस श्रेणी में टेट पास है उसी श्रेणी के टेट को मान्यता देते हुए मानदेय। भुक्तान का आदेश दिया था. वर्ष 2023 में एस पी डी श्रीमती पासी ने महाधिवक्ता, विधि विशेषज और माननीय उच्च न्यायालय से परामर्श लेकर पत्र निर्गत कर विसंगति का समाधान किया था तब से अब तक पारा विसंगति को टेट पास का मानदेय मिल रहा है. इस आदेश को पलटने का मतलब है स्व जगन्नाथ महतो के आत्मा को दुख पहुंचना क्योंकि टेट विसंगति का समाधान उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था.
अब क्या
अब झारखंड के एस पी डी ने पत्र निर्गत कर ऐसे पारा शिक्षकों को टेट पास का मानदेय देने पर रोक लगाने के साथ अब तक मिले अतिरिक्त राशि की कटौती के साथ रिकवरी का आदेश दिया है.
सरकार की समस्या
जुझारू पारा अगवा नेता दीपक बेहरा ने कहा सरकार वर्ष 2014 सहायक शिक्षक बहाली में ऐसे हजारों शिक्षकों को स्थाई नियुक्ति कर चुकी है जो विसंगति वाले है. अधिकांश की नियुक्ति छ से आठ में हुई थी. उन्होंने वर्ग एक से पांच का टेट पास कर उसी श्रेणी के सहायक शिक्षक बन गए है अब एस पी डी क्या इन सहायक शिक्षकों पर भी करवाई करते हुए उनके ऊपर भी करवाई करेंगे हाल में चल रही सहायक आचार्य परीक्षा में भी सैकड़ों टेट विसंगति वाले शिक्षकों का डी वी हो चुका है क्या उन्हें भी योगदान से वंचित रख कर उनके सपनों पर तुषारापात किया जाएगा या सरकार एक आंख में काजल और एक में सुर्मा लगाएगी.
भाजपा के पूर्व मंत्री सह प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गगराई ने कहा अफसर शाही हावी है. एक एस पी डी मान्यता देते है. दूसरा उसी आदेश की धज्जियां उड़ाते है सरकार गूंगी बहरी हो गई है. एक भी निर्णय नहीं ले पा रही है. सहायक आचार्य नियुक्ति प्रक्रिया को विवादों का पिटारा बना दिया है हेमंत सरकार पारा शिक्षक विरोधी है. अभी हेमंत 1.6 लाख संविदा कर्मियों को स्थाई करने का ढोंग कर रहे है उसने भी पारा शिक्षकों को वंचित रखने की योजना है विसंगति पारा शिक्षकों का समाधान पूर्व शिक्षा मंत्री के प्रयास से हुआ।भाजपा ने भी उसका स्वागत किया था. अब अल्प मानदेय भीगी पारा शिक्षकों का पेट काटने की योजना बन रही है. अगर किसी भी पारा शिक्षक के साथ अन्याय हुआ.
टेट विसंगति का जिन्न निकलकर गरीब पारा शिक्षकों का हनन हुआ तो पारा शिक्षक शोषण के विरूद्ध भाजपा हेमंत सरकार की ईंट से ईंट बजा देगी. सड़क से सदन तक हर जगह भाजपा पारा शिक्षकों के साथ खड़ी रहेगी.