Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित तांबो चौक लाठीचार्ज को लेकर चल रहा विवाद अब संसद तक पहुंच गया है। तांबो चौक बाईपास क्षेत्र में नो-एंट्री लागू करने की मांग को लेकर 27 अक्टूबर को हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस द्वारा किए गए तांबो चौक लाठीचार्ज की आलोचना करते हुए भाजपा सांसद आदित्य साहू ने लोकसभा में कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन है।
शांतिपूर्ण आंदोलन पर तांबो चौक लाठीचार्ज से बढ़ा जन आक्रोश
ग्रामीणों ने तांबो चौक के पास लगातार हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नो-एंट्री की मांग की थी। परंतु शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने तांबो चौक लाठीचार्ज किया, जिसमें कई लोग घायल हुए। पुलिस ने 74 लोगों को नामजद और लगभग 500 अज्ञात व्यक्तियों पर केस दर्ज किया, जबकि 17 निर्दोष—10 पुरुष एवं 7 महिलाएं—को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर उठे सवाल
घटना के दौरान स्थानीय विधायक एवं परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा की चुप्पी पर भी ग्रामीणों का रोष बढ़ा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा जब हो समाज प्रतिनिधियों के साथ न्याय की मांग को लेकर उपायुक्त से मिलने पहुंचे, तो उपायुक्त के कथित अभद्र व्यवहार ने मामले को और संवेदनशील बना दिया।
सांसद आदित्य साहू का बयान — “तांबो चौक लाठीचार्ज लोकतंत्र के खिलाफ”
सांसद आदित्य साहू ने संसद में कहा कि तांबो चौक लाठीचार्ज केवल एक प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है। उन्होंने राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की स्वतंत्र, निष्पक्ष और उच्चस्तरीय जांच की मांग की।
भाजपा का रुख — आदिवासी–मूलवासी समुदाय के साथ खड़ी पार्टी
भाजपा पश्चिमी सिंहभूम ने कहा कि तांबो चौक लाठीचार्ज के खिलाफ पार्टी सड़क से संसद तक संघर्ष जारी रखेगी और आदिवासी–मूलवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए हर मंच पर आवाज उठाती रहेगी।
