चाईबासा:-झारखंड सिविल जज जूनियर डिवीजन नियुक्ति परीक्षा में ओबीसी समुदाय के साथ जेपीएससी भेदभाव कर रही है। उक्त बातें राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के सदस्य अधिवक्ता राजाराम गुप्ता ने कहीं।
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झारखंड लोक सेवा आयोग( जेपीएससी) द्वारा निकाली गई विज्ञापन संख्या 22 2023 में ओबीसी समुदाय के लिए उम्र में कोई छूट नहीं दी गई है 14 अगस्त को निकल गए विज्ञापन में जनरल कैटेगरी के बराबर ओबीसी की उम्र सीमा 22 से 35 वर्ष कर दी गई है। बिहार राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 82,86 मैं स्पष्ट है कि जो बिहार में नियम है वही नियम झारखंड में भी लागू होगा।बिहार में ओबीसी समुदाय की उम्र में 5 वर्ष की छूट दी जाती है।सिर्फ बिहार ही नहीं देश के कई राज्यों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड आदि में भी ओबीसी समुदाय को जूनियर डिवीजन न्यायिक सेवा में 5 वर्ष की उम्र सीमा में छूट दी जाती है।
श्री गुप्ता ने कहा कि झारखंड में राज्य स्थापना दिवस से लेकर अब तकमात्र चार ही न्यायिक सेवा की परीक्षा हुई है ।जबकि बिहार में 9 बार हो चुकी है पिछली बार वर्ष 2019 मेंझारखंड न्यायिक सेवा की परीक्षा हुई है जेपीएससी द्वारा वर्ष 2018 के बाद 2023 में विज्ञापन निकाला गया है। कट ऑफ डेट 31.01.23. निर्धारित किया गया है उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 के बाद अब 2023 में परीक्षा आयोजित हो रही है ऐसे में उम्र सीमा में छूट देना विधिक तौर पर उचित प्रतीत होता है। क्योंकि 5 सालों तक परीक्षा आयोजित नहीं हुई थी इस परीक्षा में ओबीसी की उम्र में कोई छूट भी नहीं दी गई है ऐसे में सभी को अवसर नहीं मिल पाएगा।राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा मांग करती है की कट ऑफ डेट 2018 से होना चाहिए । राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा इस संबंध में मुख्य सचिव सहित सत्ताधारी दलों के अध्यक्षों को भी मांग पत्र सौंप कर उन्हें उम्र सीमा और ओबीसी को 27% आरक्षण देकर न्याय करने की मांग की है।अगर इसमें यथाशीघ्र सुधार कर पुणे विज्ञापन नहीं निकाला जाता है तो राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा सड़क पर उतरने के लिए बाध्य होगी।