Chaibasa :- आदिवासी “हो” समाज “युवा” महासभा की टीम एवं सेरेंगसिया ग्राम के ग्रामीणों ने सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक पिछड़ापन के कारणों के संबंध में ग्राम सेरेंगसिया में चर्चा किया. ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रही जनसंख्या और सामाजिक भटकाव के कई बिंदुओं को चर्चा में शामिल किया गया.
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शिक्षा तथा जागरूकता के अभाव में सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और आर्थिक रूप से शोषण एवं अपेक्षा होने की विभिन्न पहल्लुओं को समझने का प्रयास हुआ. आदिवासी “हो” समाज के लोग मूल संस्कृति में न रहकर हिंदुत्व और ईसाईयत की ओर अपने समाज से अलग हो रहे हैं. इस तरह के बाहरी आक्रमण और मंदिर-चर्च के प्रलोभन से आदिवासी समाज के भोले-भाले लोगों को भटकाए जाने से सामाजिक नुकसानों पर चिंता जाहिर किया गया.
आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेंब्रम ने समाज के लोगों को आदिवासी हो समाज महासभा से सांगठनिक जुड़ाव, सामाजिक कार्यक्रम, अधिवेशन, महोत्सव, सम्मेलन सहित अन्य-अन्य कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपील किया. आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के तत्वधान में नेशनल आदिवासी रिवाईबल एसोशिएशन, सिंगी एंड सिंगी सोसायटी जैसे स्वयं सेवी टीम द्वारा डायन-प्रथा-कुरीति, अंधविश्वास सामाजिक बुराईयां आदि के खिलाफ चल रहे कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक विकास हेतु सहयोग करने का सुझाव दिया.
श्री हेम्ब्रम ने कहा कि बाईक रैली के माध्यम से “हो” समाज का ऐतिहासिक घटना 1 जनवरी को खरसावां और 2 जनवरी को सेरेंगसिया-जगन्नाथपुर में बलिदान देनेवालों को श्रद्धांजलि दिया जाए.
यह भी बताया गया है कि सेरेंगसिया घाटी के लड़ाई की वास्तविक तिथि 2 जनवरी को है. तो उनके बलिदानी का तिथि में ही सच्ची श्रद्धांजलि दिया जाए. ऐसे ऐतिहासिक घटनाओं को सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से न जोड़े.
इस अवसर पर आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा का जिला कमिटि के कोषाध्यक्ष सत्यव्रत बिरूवा, टोंटो प्रखंड अध्यक्ष विस्टुम उर्फ राजेश हेस्सा, उपाध्यक्ष मनोहर लगुरी पूर्व प्रखंड अध्यक्ष चरण लगुरी, ग्रामीण मुंडा विमल लागुरी, मुंडा मोरा लागुरी, दियुरि सोनाराम लागुरी, डाकुवा गुरूचरण लागुरी, सोनाराम लागुरी, सनातन लागुरी, भरत-भूषण लागुरी, बामाचरण दोराईबुरू, राम किशन लागुरी, पांडु लागुरी, समसन लागुरी आदि लोग मौजूद थे.