ADITYAPUR : ईचागढ़ के पूर्व विधायक सह कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने जयप्रकाश उद्यान में आयोजित वनभोज समारोह में मजदूरों को संबोधित करते हुए कहा कि मजदूरों की हक की लड़ाई जितेंगे और उन्हें अधिकार दिलाकर रहेंगे. इसके लिए सिर्फ मजदूरों का सहयोग चाहिए. मजदूर हाथ बढ़ाए और भरोसा रखें. वनभोज समारोह में अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने समारोह में कहा कि 15 से 20 लाख मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिल रही है. मजदूरों को सरकार से मिलनेवाली सरकारी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है. बावजूद इस बारे में किसी तरह की प्रतिक्रिया नेताओं की नहीं आ रही है.
एक-एक कर बंद हो रही है कंपनियां कोल्हान में अबतक कई कंपनियां एक-एक कर बंद हो गई हैं. इसमें कांड्रा का ग्लास फैक्ट्री, तार कंपनी, केबुल कंपनी, अभिजीत स्टील कंपनी समेत कई कंपनियां बंद हो चुकी है. इसको लेकर किसी तरह की आवाज नहीं उठ रही है. किसी तरह की प्रतिक्रिया भी नहीं आ रही है.
टायो कंपनी की कहानी बताते हुए अरविंद सिंह ने कहा कि जब कंपनी बंद होनेवाली थी तब प्रबंधन की ओर से बहाली निकाली गई थी. मशीनों को खरीदने का काम किया जा रहा था. तब मजदूरों की क्या दुर्दशा होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.झारखंड का आयरन ओर माइंस क्यों बंद है?
कोल्हान मजदूर यूनियन के संयोजक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह ने कहा कि आज ओडिशा में आयरन ओर की माइंस चल रही है, लेकिन झारखंड का क्यों बंद कर दिया गया है. यह सरकार की कैसी व्यवस्था और पॉलिसी है.
डैम की जगह रूंगटा स्टील बन गयी
सरायकेला में जहां पर डैम बनाने की सालों से मांग की जा रही थी वहां पर आज रूंगटा स्टील बनकर खड़ी है. अगर वहां पर डैम बना होता तब भी लोगों को रोजगार मिल सकता था. अब खरकई नदी का पानी दूषित होगा और उसका प्रभाव आम जन-जीवन पर ही पड़ेगा. वनभोज समारोह में अरविंद सिंह ने कहा कि आने वाला दिन मजदूरों के लिए संघर्ष का है. इसके लिए उन्हें रणनीति बनानी होगी. बैठक करनी होगी. सेमिनार का आयोजन करना होगा. घरों से निकलना होगा. एकजूटता दिखानी होगी. अगर कहीं पर अच्छा काम हो रहा है तो उसे प्रोत्साहित करना चाहिए और कहीं काम ठीक नहीं हो रहा है कि तो मिलकर उसे ठीक करवाने का भी काम करना चाहिए. समारोह को झारखंड वर्कर्स यूनियन के महासचिव ओम प्रकाश सिंह, संचालन बसंत कुमार, जगदीश नारायण चौबे. एआईटीयूसी के बीएन सिंह, एसएन सिंह, टायो संघर्ष समिति के अजय कुमार शर्मा, केके त्रिपाठी, सुखेन हेंब्रम, चंदन सिंह, आलोक चटर्जी, होनी सिंह मुंडा, रीना सिंह, मीरा तिवारी, शशि आचार्या, शिखा चौधरी, सोखेंन हेंब्रम आदि ने संबोधित किया.