Chaibasa (चाईबासा) : अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक, संघ पश्चिमी सिंहभूम का एक प्रतिनिधिमंडल आज संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह एवं महासचिव असीम कुमार सिंह के नेतृत्व में आज झारखण्ड सरकार के अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति कल्याण तथा परिवहन विभाग के मंत्री दीपक विरुवा से उनके चाईबासा स्थित आवासीय कार्यालय में मुलाकात की.
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संघ के महासचिव ने मंत्री महोदय को बताया कि शिक्षकों के लिए अन्य राज्यकर्मियों की भाँति सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना (एम० ए०.सी० पी०) को लागु करवाने एवं छठे पुनरीक्षित वेतनमान के वेतन निर्धारण में व्याप्त विसंगति के निराकरण हेतु अनेकों बार विभागीय उच्चाधिकारियों को निवेदन पत्र समर्पित करने के वावजूद सिवाय आश्वासन के हम शिक्षकों को और कुछ हासिल नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में अखिल झारखण्ड प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखण्ड प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल 26 जुलाई को माननीय मुख्य मंत्री से विधान सभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात कर अपनी मांगों से अवगत कराया था. मुख्यमंत्री ने वरीय पदाधिकारियों से इस संदर्भ में विमर्श कर अपनी अध्यक्षता में संगठन एवं उच्चाधिकारियों की एक बैठक आयोजित कर हल निकालने का आश्वासन दिया था. परंतु एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी अब तक इस पर कोई कार्यवाई नहीं की गई है. संघ के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह ने बताया कि इस बिषम परिस्थिति को ध्यान में रखकर राज्य के शिक्षकगण 5 अगस्त से राजभवन के समक्ष क्रमिक अनशन पर बैठने जा रहे हैं.
मंत्री दीपक विरुवा ने शिक्षकों की बातों को ध्यान से सुना तथा तत्काल शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव उमा शंकर सिंह से मोबाइल पर बात कर शिक्षकों की समस्याओं को रखा. सचिव ने मंत्री महोदय को बताया कि शिक्षकों की एम० ए० सी० पी० की मांग पुरानी है. इस संदर्भ में विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग में भेजा गया था. परंतु वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि सुनिश्चित वृति उन्नयन योजना शिक्षकों को देय नहीं है. जब मंत्री ने सचिव को बताया कि बिहार में इन्हीं शिक्षकों को एम० ए० सी० पी० का लाभ दिया जा रहा है तो सचिव ने इस पर अपनी अनभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे बिहार के मामले को देखेंगे कि किस परिस्थिति में और किन शर्तों के तहत ये लाभ शिक्षकों को दिया जा रहा है?
मंत्री दीपक विरुवा ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को आश्वस्त किया कि वे शिक्षकों की मांग में उनके साथ हैं. अपने स्तर से मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री एवं शिक्षा मंत्री से बातचीत कर इसका साकारात्मक हल निकालने का प्रयास करेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के हर विभाग के कर्मचारायों की समस्याओं का समाधान किया है. सिर्फ शिक्षा विभाग ही इससे लाभान्वित नहीं हो पाया है. परंतु उनका प्रयास होगा कि हेमंत सोरेन की लोकप्रिय सरकार शिक्षकों की समस्याओं का भी समाधान भी जल्द से जल्द कर सके जिसे आज तक पूर्ववर्ती सरकार नहीं कर पाई.
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